मरीज की लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की गई
सर्जरी विभाग में मरीज का उपचार चला। सभी जांचें हुईं और मरीज की लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज का कहना है कि वह पहले से बहुत अच्छा महसूस कर रही है और उसे अब पेट में दर्द भी नहीं हो रहा है। डॉ. मंजू सिंह के अनुसार, जब ये छात्रा यहां भर्ती हुई तब हमने नियमानुसार सबसे पहले इसकी सूचना चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विवेक चौधरी और अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर को दी। डीन डॉ. विवेक चौधरी एवं अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने मरीज की सर्जरी से संबंधित समस्त औपचारिकताओं को अतिशीघ्र पूर्ण कराकर विदेशी छात्रा के इलाज को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। साथ ही छात्रा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। सर्जरी के बाद मरीज स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो गई है।
नियमित रूप से होती है लेप्रोस्कोपिक सर्जरी
अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर (जो स्वयं सर्जरी विभाग के सर्जन हैं) के अनुसार सर्जरी विभाग में सभी प्रकार के लेप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसे – हर्निया सर्जरी, हाइडैटिड सिस्ट, लेप्रोस्कोपिक एपेंडेक्टोमी, डायग्नोस्टिक लेप्रोस्कोपिक, लेप्रोस्कोपिक रेक्टोपेक्सी, लेप्रोस्कोपिक जीआई सर्जरी, लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी, लेप्रोस्कोपिक वेंट्रल और इंसिज़नल हर्निया सर्जरी नियमित रूप से होते हैं। ये सभी सर्जरी शासन की स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत निशुल्क होते हैं।

क्या है लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी
लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें गाल ब्लैडर (पित्ताशय) को शरीर से हटाया जाता है। यह प्रक्रिया लेप्रोस्कोप नामक एक पतली कैमरा लगी हुर्द ट्यूब की सहायता से की जाती है जो पेट के भीतर का दृश्य स्क्रीन पर दिखाती है। पित्ताशय की पथरी हो जाने पर गाल ब्लैडर को हटाया जाता है। मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया दिया जाता है। एक चीरे से लेप्रोस्कोप डाला जाता है और अन्य चीरे से सर्जिकल उपकरण। स्क्रीन पर देखते हुए गाल ब्लैडर को काटकर निकाल दिया जाता है। चीरे बंद कर टांके लगाए जाते हैं। इस सर्जरी में कम चीरे, कम दर्द, जल्दी रिकवरी हो जाती है और अस्पताल में कम समय लगता है। लेप्रोस्कोपिक प्रक्रिया अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित मानी जाती है जब तक की मरीज को कोई अन्य जटिलता न हो।
मरीज का ऑपरेशन करने वाली टीम में डॉ.मंजू सिंह के साथ डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ. मनीष साहू, डॉ.अंजलि जालान, डॉ. आयुषी गोयल, डॉ.पूजा जैन एवं एनेस्थीसिया टीम में डॉ. प्रतिभा शाह एवं डॉ. मंजुलता टंडन एवं शामिल रहीं।