मथुरा – जिले की विशेष अदालत ने अपने ही अस्पताल में काम करने वाली नर्स के साथ दुष्कर्म करने और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी चिकित्सक को आजन्म कठोर कारावास और कुल 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष चतुर्वेदी ने शुक्रवार को बताया कि महिलाओं संबंधी अपराधों की सुनवाई के लिए गठित अपर जिला एवं सत्र अदालत (त्वरित अदालत कक्ष संख्या-एक) में करीब साढ़े तीन वर्ष से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुशील कुमार ने बृहस्पतिवार को यह फैसला सुनाया।
उन्होंने बताया कि मामला थाना वृन्दावन क्षेत्र का है जहां के निवासी ओमवीर पुत्र रमेश चंद्र ने 6 मई 2021 को थाना राया, सादाबाद रोड पर स्थित माही नर्सिंग होम संचालक डॉ. धर्मेंद्र सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। ओमवीर ने आरोप लगाया कि सिंह ने चार वर्ष पूर्व एक मई को उसकी पुत्री के साथ दुष्कर्म किया जो चिकित्सक के यहां नर्स के रूप में कार्यरत थी।
शिकायत के अनुसार, दुष्कर्म से क्षुब्ध पीड़िता ने अगले ही दिन यमुना नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली और उसका शव अहिल्यागंज में पानी में तैरता मिला। वादी का कहना था कि उसकी पुत्री की शादी सुरीर थाना क्षेत्र के गांव मेंहदीपुर निवासी मोहन लाल के साथ हुई थी। एक बेटी के जन्म के बाद उनका संबंध विच्छेद हो गया और वह मायके में रहकर माही नर्सिंग होम में नर्स का काम करते हुए जीवन-यापन करने लगी।
अधिवक्ता ने बताया कि मृतका के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने चिकित्सक को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। मामले की सुनवाई त्वरित अदालत में हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के उपरान्त न्यायाधीश ने चिकित्सक को दोषी करार देते हुए उम्रकैद तथा 80 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने व्यवस्था दी कि जुर्माने की आधी राशि पीड़िता की नाबालिग पुत्री को दी जाए।