पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा- 75 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी थर्ड पार्टी ने हमारे मामलों में दखल दिया.
जयपुरय/दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सीजफायर की घोषणा किए जाने को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने इस मामले में संसद का विशेष सत्र बुलाकर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने रविवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में सवाल खड़े किए. पायलट ने कहा कि 75 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है जब हमारे आंतरिक मामलों में कोई थर्ड पार्टी ने आकर हस्तक्षेप किया हो. ऐसा कभी नहीं हुआ कि हमारे मामलों में किसी दूसरे देश ने दखल दिया हो.
पायलट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी सेना पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया पर करते हैं और उसके बाद भारत और पाकिस्तान उस पर सहमति व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि यह चीज समझ से परे है. उन्होंने कहा कि न केवल अमेरिका, बल्कि किसी भी देश को हमारे आंतरिक मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है.
ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाएं प्रधानमंत्री
उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों और कांग्रेस सही तमाम राजनीति दलों ने अपनी विचारधारा को परे रखते हुए सरकार को एक तरफा समर्थन दिया था, लेकिन पिछले 24 घंटे में जो घटनाक्रम घटा है, उस पर सरकार को ऑल पार्टी मीटिंग बुलाकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अभी ऑल पार्टी मीटिंग में मौजूद रहना चाहिए. ऐसा न हो कि पहले की तरह ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री नहीं आएं.
पीओके का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश
उन्होंने कहा कि 1994 में भी हमने पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में मिलाने के लिए संसद के दोनों सदनों से एक प्रस्ताव पारित करवाया था. अब फिर से मौका है कि उस प्रस्ताव पर दोबारा अमल करके उसे वापस लाने का, लेकिन अमेरिका और कुछ अन्य देश पाक अधिकृत कश्मीर के मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहे हैं, जो हमें बर्दाश्त नहीं है. पाक अधिकृत कश्मीर का मामला हमारा है.
सीजफायर के बाद भी रात भर होती रही गोलीबारी
उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर की घोषणा हुई, लेकिन उसके बाद पूरी रात भर पाकिस्तान ने गोलाबारी की. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि वो इस सीज फायर से कितना सहमत हैं? क्या पाकिस्तान की बातों पर विश्वास किया जा सकता है कि वो आगे ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा? इस बात की क्या गारंटी है?
इंदिरा गांधी ने दिया था मुंहतोड़ जवाब
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि 1971 के युद्ध में भी अमेरिका ने भारत को आंख दिखाते हुए कहा था कि हम बंगाल में अपना सातवां जंगी बेड़ा भेज रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसकी परवाह नहीं की और कहा कि हम किसी से नहीं डरते हैं. उस समय भी इंदिरा गांधी ने राष्ट्रीय हित को सबसे ऊपर रखा था और आज भी जरूरत है राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखने की.
जब भारत की संसद पर हमला हुआ था तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी नेता प्रतिपक्ष थीं. उन्होंने सदन के पटल पर खड़े होकर कहा था कि कांग्रेस पार्टी और पूरा विपक्ष आपके साथ है, जो भी फैसला लेना है खुलकर लीजिए. हम आपके हर फैसले का समर्थन करते हैं. सचिन पायलट ने भारतीय सेना की कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने अपनी ताकत और शौर्य वीरता का परिचय दिया है और पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया है.