Home छत्तीसगढ़ गरियाबंद के 13वें कलेक्टर बने भगवान सिंह उईके, जानिए क्या हैं प्राथमिकताएं

गरियाबंद के 13वें कलेक्टर बने भगवान सिंह उईके, जानिए क्या हैं प्राथमिकताएं

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नए कलेक्टर भगवानदास उईके ने जिले के विकास की गति को आगे बढ़ाने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि शासन की योजनाओं का शत-प्रतिशत व बेहतर क्रियान्वयन उनकी प्राथमिकता होगी. नवपदस्थ कलेक्टर उईके इससे पहले जिला उत्तर बस्तर कांकेर के अंतागढ़ में अपर कलेक्टर के रूप में पदस्थ थे.

गरियाबंद – हाल ही में छत्तीसगढ़ के कई आईएएसअधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है. इस प्रशासनिक सर्जरी में 41 आईएएस अफसर इधर से उधर  हुए हैं. जिसमें गरियाबंद को 13वां कप्तान मिला है. इस पोस्टिंग के बाद कलेक्टर की कोशिश अवैध खनन, प्लाटिंग उलझन जैसी पुरानी चुनौतियों से निजात पाने की होगी. 2016 बैच के आईएएस भगवान सिंह उईके ने गरियाबंद के 13वें कलेक्टर के रूप में पदभार संभाल लिया है. उन्होंने सोमवार को जिला कार्यालय पहुंचकर निवर्तमान कलेक्टर दीपक अग्रवाल से पदभार ग्रहण किया. पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत हुआ और जिले के अधिकारियों से औपचारिक परिचय भी लिया गया.

कई समस्याएं हैं जिले की

इस बार कलेक्टरी सिर्फ पदभार लेने की रस्म तक सीमित नहीं है. गरियाबंद वर्तमान में कई बड़ी समस्याओं से जूझ रहा है, जिनमें सबसे प्रमुख हैं – अवैध खनन, अवैध प्लाटिंग, और नियमों को ताक पर रखकर हो रहे निर्माण कार्य. इन सबको रोकना अब नए कलेक्टर के लिए सबसे बड़ी जिम्मेदारी होगी.

यह भी देखा जा रहा है कि कई इलाकों में जमीनों की खुली लूट और बगैर अनुमति के काटी जा रही कॉलोनियों को लेकर जनता और जनप्रतिनिधियों में नाराज़गी बढ़ रही है. वहीं दूसरी ओर, रेत, मुरुम और गिट्टी जैसे खनिजों का अवैध उत्खनन प्रशासन की साख को चुनौती दे रहा है.

नवपदस्थ कलेक्टर उईके ने शुरुआती बातचीत में ही यह संकेत दिया कि शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन और पारदर्शिता उनकी प्राथमिकता रहेगी. लेकिन अब असली कसौटी यही होगी कि क्या वे इन लंबे समय से चली आ रही समस्याओं पर सख्त कदम उठा पाएंगे?