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आज चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन,इस विधि से करें माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

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रायपुर – चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को तप, त्याग और वैराग्य का मार्ग दिखाती हैं। देवी सफेद वस्त्र धारण करती हैं। दाएं हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए मां ब्रह्मचारिणी शांत और सरल स्वरूप में विराजमान हैं। देवी की पूजा करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि

सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। इसके बाद एक वेदी पर मां ब्रह्मचारिणी की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें सफेद वस्त्र अर्पित करें और फूलों से सजाएं। हाथ में जल, अक्षत और पुष्प लेकर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का संकल्प लें। मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए उनका आह्वान करें। मां को अक्षत, रोली, चंदन, धूप, दीप और इत्र अर्पित करें। मां को सफेद व सुगंधित फूल प्रिय हैं इसलिए उन्हें सफेद फूल जरूर चढ़ाएं। मां ब्रह्मचारिणी के वैदिक मंत्रों का जाप करें।

मां ब्रह्मचारिणी की कथा का पाठ करें या सुनें। मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें। अंत में अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए मां से प्रार्थना करें। साथ ही क्षमा याचना करें।

मां ब्रह्मचारिणी पूजन मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

मां ब्रह्मचारिणी प्रिय भोग

मां ब्रह्मचारिणी को मिश्री और पंचामृत का भोग बहुत प्रिय है। ऐसे में मां को पंचामृत बनाकर अर्पित करें। इसके अलावा मां को सफेद मिठाई या फल भी अर्पित कर सकते हैं।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का धार्मिक महत्व

मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करने से भक्तों को मानसिक शांति और एकाग्रता मिलती है। साथ ही संयम और शक्ति की प्राप्ति होती है। विद्यार्थियों के लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। इसलिए आज चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। ताकि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।