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म्यांमार में भूकंप से 2056 मौतें – भारत कैसे कर रहा मुश्किल में घिरे पड़ोसी की मदद, बाकी देशों ने क्या भेजा?

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म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आने के बाद दुनिया ने दक्षिण-पूर्वी एशिया में मौजूद इस देश को कैसे मदद पहुंचाई? भारत की तरफ से अब तक म्यांमार को कितनी मदद भेजी गई है और इसे लेकर आगे क्या योजना है? चीन और अमेरिका किस तरह से भूकंप प्रभावित देश की मदद कर रहे हैं? अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने म्यांमार को किस तरह से मदद पहुंचाने का वादा किया है?

म्यांमार – चार दिन पहले आए भूकंप ने भारी तबाही मचा दी है। यहां कम से कम 2000 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है, जबकि 3900 से ज्यादा लोग घायल हैं। इसके अलावा करीब 150 लोग लापता बताए गए हैं। लगातार चार दिन से जारी राहत-बचाव अभियान के बावजूद हजारों लोगों के मलबे में फंसे होने की खबरें हैं। इन हालात के बीच पूरी दुनिया ने म्यांमार के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। इनमें सबसे ऊपर भारत का नाम है, जिसने पड़ोसी देश के लिए सीधे एक पूरा अभियान- ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू कर दिया है।

भूकंप की भयावहता का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां करीब 35 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। हालात यह हैं कि अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है और सड़कों पर अस्थाई तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

भारत 
भारत ने म्यांमार की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया है। 29 मार्च (शनिवार) को भारत ने दो नौसैन्य जहाज म्यांमार की मदद के लिए भेजे। इनके जरिए आर्मी फील्ड अस्पताल तैयार करने के लिए सामान और 118 चिकित्साकर्मियों को भी भेजा गया है। इनके जरिए घायलों की मदद करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा दो और नौसैन्य जहाजों को जरूरी सहायता के साथ म्यांमार भेजने की तैयारी की जा रही है। इनमें से एक जहाज अंडमान-निकोबार कमांड के अंतर्गत श्रीविजयपुरम में तैनात है।

विदेश मंत्रालय ने बताया है कि भारत ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत म्यांमार की तरफ सबसे पहले मदद की हाथ बढ़ाते हुए शनिवार देर रात तक पांच सैन्य विमानों से राहत सामग्री, बचाव दल व चिकित्सा उपकरण भेज चुका है।  नेपीता अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर महत्वपूर्ण आपूर्ति व उपकरणों को उतारने के बाद भारतीय टीम वहां से 45 मिनट की दूरी पर एक बंदरगाह क्षेत्र में स्थानांतरित हो चुकी है। अभियान का विस्तार रविवार की सुबह शुरू हुआ, जब एक अधिकारी व एक जूनियर कमीशन अधिकारी का टोही दल को वर्तमान बेस से 160 मील उत्तर मांडले पहुंचा। मांडले भारत के राहत अभियान का केंद्र है। वहां तक पहुंचने के लिए मुख्यतः हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया जा रहा है।

चीन
चीन ने म्यांमार की मदद के लिए 82 बचावकर्मियों की एक टीम को शनिवार को ही पहुंचा दिया था। बीजिंग ने रविवार को एलान किया कि उसकी 118 सदस्यीय टीम फिलहाल राहत-बचाव कार्यों में लगी है। इसके अलावा एक टीम यांगोन भेजी गई है। चीन की सरकार ने म्यांमार को 10 करोड़ युआन की आपात मानवीय मदद भेजने का भी एलान किया है।

अमेरिका
अमेरिका की तरफ से अब तक म्यांमार को कितनी मदद भेजी गई है, यह साफ नहीं है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भूकंप की घटना पर चिंता जताते हुए इसे भयावह और बुरा करार दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके अधिकारियों ने म्यांमार के नेताओं से बात की है। हम उनकी मदद करेंगे।अमर उजाला से साभार