आगरा – आगरा कमिश्नरेट में हाईटेक पुलिसिंग, अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से साक्ष्य जुटाने, माॅकड्रिल और दंगा नियंत्रण के रिहर्सल बुधवार को सब धरे के धरे रह गए। शहर में मुख्यमंत्री योगी के होने पर भी उपद्रव करने वाले लोग सपा सांसद रामजीलाल सुमन के आवास तक पहुंचे औरा जमकर बवाल किया। बवाल में शामिल लोग गाड़ी और बुलडोजर में बैठकर 20 किलोमीटर दूर से सांसद आवास तक पहुंचे। रास्ते में पड़ने वाले सात थानों की पुलिस और 3 एसीपी पूरी तरह से फेल रहे।क्षत्रिय करणी सेना हरियाणा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करके भीड़ जुटाई थी। मंगलवार को आक्रोश व्यक्त करते हुए वीडियो डाला था। लोगों से सांसद आवास पर पहुंचने के लिए कहा था। बुधवार को आने से पहले भी एक वीडियो गाड़ी में बैठे हुए बनाया था। यह वीडियो वायरल हो रहे थे। इसके बावजूद कमिश्नरेट पुलिस हरकत में नहीं आई।
बवाल करने वालों के इरादों को पुलिसकर्मी तो दूर अधिकारी तक नहीं भांप सके। यही वजह रही कि एत्मादपुर में जब लोग जुटे तो उनकी संख्या अधिक थी। इन्हें पुलिस रोकने में विफल रही। एसीपी एत्मादपुर पियूष कांत राय पहुंचे, लेकिन कुछ नहीं कर सके। छलेसर पर बुलडोजर से उतरकर पदाधिकारी गाड़ी पर सवार हुए। वाटरवर्क्स चाैराहे पर भी कार्यकर्ताओं ने बवाल किया। यहां पर तैनात पुलिस भी कुछ नहीं कर सकी। तकरीबन 30 मिनट तक कार्यकर्ता बवाल करते रहे।
पुलिस की चूक नंबर – 1
वाटरवर्क्स से निकलने के बाद सांसद आवास के लिए दो जगह से जाया जा सकता था। एक जीवनी मंडी मार्ग तो दूसरा भगवान टाॅकीज और सूरसदन होते हुए। कार्यकर्ताओं के आने की जानकारी पर पुलिस अलर्ट हुई थी। पुलिसकर्मी भगवान टाॅकीज की तरफ से आने की जानकारी पर यहां आ गए। मगर, कार्यकर्ता यहां से नहीं आए। पुलिस की यह चूक रही।
नंबर – 2
पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने आने के लिए जीवनी मंडी, पालीवाल पार्क का रूट चुना। हरीपर्वत चाैराहे के पास से ही निकले। थाने का फोर्स पहुंचा, लेकिन असहाय बना रहा। पुलिस के पास ऐसा कुछ नहीं था कि कार्यकर्ताओं को रोका जा सके। डंडे लेकर पुलिसकर्मी सिर्फ बैरियर से ही रोकते नजर आए। बैरियर को गाड़ी से गिराते हुए कार्यकर्ता आगे बढ़ गए।
नंबर -3
बल प्रयोग के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। कमिश्नरेट पुलिस के पास चिली स्प्रे से लेकर वाटर कैनन के इंतजाम नहीं थे। लोगों को दूर हटाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने तक के इंतजाम नहीं किए गए, जबकि पुलिस को हर महीने प्रशिक्षण में दंगा नियंत्रण के दाैरान आंसू गैस के गोले दागने के बारे में बताया जाता है। रबर बुलेट चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
नंबर – 4
पुलिसकर्मी आक्रोशित भीड़ को रोकने के लिए पहले से तैयार नहीं थे, तभी तो गाड़ी के साथ पदाधिकारियों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सके। सांसद आवास को जाने वाले रास्तों के गेटों को पहले से नहीं घेरा गया। इन पर सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं थे। इससे उपद्रवियों को परिसर अंदर घुसने का माैका मिल गया।
नंबर – 5
पुलिस आयुक्त हर क्राइम मीटिंग में एक ही बात कहते हैं कि किसी भी घटना पर अधिकारियों के साथ समन्वय किया जाए। नजदीक के थाने की पुलिस माैके पर पहुंचे। मगर, इस मामले में थाना एत्मादपुर, एत्माददाैला, हरीपर्वत, कमला नगर, न्यू आगरा पुलिस की कमी रही। अधिकारियों से समन्वय का अभाव रहा, जिससे प्रदर्शन का अंदाजा नहीं लग सका।
नंबर – 6
कमिश्नरेट पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रखती है। आए दिन सुसाइड की कोशिश करने वालों को बचाया जाता है। लोगों की सूचनाएं आने पर कार्रवाई की जाती है। मगर, दो दिन से आगरा आने के ऐलान के बाद भी पुलिस नहीं समझ सकी। इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इससे सीएम के आगमन वाले दिन ही शहर में बवाल हो गया।
पुलिस लाइन और ताजमहल पर होता है रिहर्सल
हर महीने पुलिस लाइन में दंगा नियंत्रण का रिहर्सल होता है। पुलिसकर्मी को भीड़ पर काबू करने के बारे में बताया जाता है। इसमें अधिकारी भी शामिल रहते हैं। सभी बाॅडी प्रोटेक्टर, हेलमेट, डंडे के अलावा हथियार और वायरलेस सेट लेकर पहुंचते हैं। रबर बुलेट भी चलाने के बारे में बताया जाता है। वाटर कैनन से भीड़ को खदेड़ने के बारे में भी प्रशिक्षित करते हैं। वहीं ताजमहल के आसपास आतंकी घटना के दाैरान की जाने वाली कार्रवाई को लेकर भी मॉकड्रिल की जाती है।अमर उजाला से साभार