सुकमा – छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सरेंडर करना जारी है. सुकमा जिले में मंगलवार को तीन और नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें दो नक्सली इनामी हैं. जिन पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था. इन्होंने सरकार की नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर किया है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 12 मार्च को कैबिनेट बैठक में कई फैसले लिए थे, जिसमें नक्सलियों से जुड़ी नीति भी थी. राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 की जगह छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी दी थी. इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
कल सीएम साय ने गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की थी. इस बैठक में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने, बस्तर के विकास को तेज करने और पर्यटन व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई. मुख्यमंत्री साय ने अमित शाह को अवगत कराया कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है. राज्य और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर हो चुकी है.
सरकार की नीति का दिख रहा असर
अब अंतिम चरण की रणनीति तैयार कर बस्तर को स्थायी शांति की ओर ले जाने पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 का असर दिखने लगा है. हाल ही में बीजापुर जिले में 9 इनामी नक्सलियों समेत कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया.