नागपुर – केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जाति आधारित राजनीति के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति के साथ जाति, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने नागपुर स्थित ‘सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस’ में शनिवार को आयोजित दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ”जो करेगा जात की बात, उसको कसके मारूंगा लात”. गडकरी (67) ने कहा कि उनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, भाषा या पंथ के कारण बड़ा नहीं होता बल्कि वह अपने गुणों के कारण बड़ा होता है.
उन्होंने कहा, ”इसलिए, हम किसी के साथ उसकी जाति, धर्म, लिंग या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं.” गडकरी ने कहा, ”मैं राजनीति में हूं और बहुत सी चीजें होती हैं लेकिन मैं अपने तरीके से चलता हूं. अगर कोई मुझे वोट देना चाहता है तो दे सकता है और अगर कोई नहीं देना चाहता तो वह ऐसा करने के लिए भी स्वतंत्र है.” उन्होंने कहा, ”मेरे दोस्त मुझसे पूछते हैं कि तुमने ऐसा क्यों कहा या ऐसा रुख क्यों अपनाया. मैं उनसे कहता हूं कि चुनाव हारने से कोई खत्म नहीं हो जाता. मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा और निजी जीवन में उनका पालन करता रहूंगा.”
गडकरी ने समाज और देश के विकास के लिए शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि कई वर्ष पहले जब वह विधायक थे तो उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक मुस्लिम शिक्षण संस्थान को इंजीनियरिंग कॉलेज दिलाने में मदद की थी. गडकरी ने बताया कि उनके इस फैसले पर सवाल खड़े किए गए. उन्होंने कहा, “जिस वर्ग को शिक्षा की सबसे अधिक आवश्यकता है वह मुस्लिम समुदाय है.” गडकरी ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के शब्दों को दुनिया के हर व्यक्ति ने सुना है. उन्होंने कहा, ”जब कोई व्यक्ति अपनी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से ऊपर उठ जाता है तो वह महान बन जाता है.”