रायपुर – छत्तीसगढ़ में रेरा का गठन हुए सात साल हो गए हैं, और इस दौरान रायपुर में सबसे ज्यादा 901 बिल्डर प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हुए हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से सिर्फ 378 प्रोजेक्ट्स ही पूरे हुए हैं, जबकि बाकी 504 अब भी चल रहे हैं। इस पर रेरा ने सख्ती शुरू कर दी है।
रेरा ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है उन बिल्डरों को, जो समय पर काम पूरा नहीं कर रहे या जो अपनी तिमाही रिपोर्ट जमा नहीं कर रहे हैं। पिछले तीन महीने में 150 से ज्यादा बिल्डरों को नोटिस भेजी गई है। रेरा ने चेतावनी दी है कि देर से पूरा होने वाले प्रोजेक्ट्स पर जुर्माना तो लगेगा ही, लेकिन ये बिल्डर अपनी प्रॉपर्टी को ज्यादा कीमत पर नहीं बेच पाएंगे।
2593 शिकायतों का निपटारा
रेरा ने अब तक 2593 शिकायतों का समाधान किया है, जिनमें से आधी से ज्यादा शिकायतें बिल्डरों के खिलाफ थीं। रायपुर में कॉलोनी के लोग सबसे ज्यादा शिकायतें कर रहे हैं। उनका कहना है कि बिल्डरों ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हुए। रायपुर के बाद बिलासपुर में 539 और दुर्ग में 370 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हुए हैं। बस्तर में 68 और सरगुजा में 47 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हैं।
रायपुर में 78 प्रोजेक्ट्स रद्द
रेरा ने 165 प्रोजेक्ट्स को रिजेक्ट कर दिया है, जिनमें सबसे ज्यादा 78 प्रोजेक्ट्स रायपुर के हैं। इनमें से कई प्रोजेक्ट्स तय समय में पूरे नहीं हुए थे।
कार्रवाई जारी रहेगी
रेरा के चेयरमैन संजय शुक्ला ने कहा कि जिन बिल्डरों ने तय समय में प्रोजेक्ट्स पूरे नहीं किए, उनके खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। रेरा की यह सख्ती इस बात को सुनिश्चित करेगी कि बिल्डर तय समय में प्रोजेक्ट्स को पूरा करें और ग्राहकों को कोई परेशानी न हो।