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महाकुंभ नगर की ओर जाने वाली सारी सड़कें जाम, काशी और अयोध्या में भी मुश्किल हालात, श्रद्धालुओं का बुरा हाल

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प्रयागराज स्टेशन के बाहर मौजूद भारी भीड़ की वजह से स्टेशन से बाहर निकलने वाले लोगों को हो रही असुविधा के चलते प्रयागराज संगम स्टेशन 9 फरवरी को दोपहर 1:30 बजे से 14 फरवरी के रात्रि 12:00 बजे तक यात्री आवागमन के लिए अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है।

प्रयागराज  – महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से एक बार फिर प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। शहर के सारे रास्ते जाम हो गए हैं और हर तरफ लोगों का जनसैलाब दिख रहा है। वहीं महाकुंभ के बाद श्रद्धालुओं के काशी और अयोध्या जाने की वजह से इन दोनों शहरों में भी हालात बुरे हो गए हैं। जाम और अव्यवस्था के कारण लाखों श्रद्धालु भूख-प्यास से हलकान हैं।व्यापक जाम और अन्य परेशानियों के बावजूद महाकुंभ और वाराणसी में लोगों के पहुंचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

महाकुंभ में स्नान के लिये आने वाले श्रद्धालुओं में से बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है जिनकी यहां से आगे वाराणसी और अयोध्या जाने की योजना है। प्रयागराज के सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) शैलेंद्र सिंह ने बताया कि महाकुंभ मेले से निकलने वाली ज्यादातर भीड़ काशी और अयोध्या वाले मार्ग की ओर जा रही है। सरकार के मुताबिक, महाकुंभ में प्रतिदिन औसतन 1.44 करोड़ लोग स्नान कर रहे हैं।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रयागराज स्टेशन के बाहर मौजूद भारी भीड़ की वजह से स्टेशन से बाहर निकलने वाले श्रद्धालुओं को हो रही असुविधा के चलते उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल का प्रयागराज संगम स्टेशन 9 फरवरी को अपराह्न 1:30 बजे से 14 फरवरी के रात्रि 12:00 बजे तक यात्री आवागमन के लिए अस्थायी तौर पर बंद किया गया है। महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले अन्य आठ स्टेशनों से हालांकि नियमित और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन नियमित रूप से हो रहा है।

प्रयागराज के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) कुलदीप सिंह ने बताया कि पिछले (2019) कुंभ में इतनी भीड़ नहीं आई थी। खासकर सामान्य दिनों में, लेकिन इस बार सामान्य दिनों में भी इतनी अधिक भीड़ आ रही है जिससे यातायात जाम की स्थिति बनी है। संगम में डुबकी लगाने बेटे के साथ रांची से राजधानी एक्सप्रेस से सोमवार को प्रयागराज पहुंचीं डाक्टर सुषमा ने बताया, “संगम में स्नान करने और मेला घूमने के बाद हम काशी जाकर भगवान भोले बाबा के दर्शन करेंगे और इसके बाद हमारी योजना अयोध्या जाने की है।”

उधर वाराणसी में बड़े पैमाने पर आ रही भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा शहर में कई जगह चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। बाहरी वाहनों को वाराणसी के बाहर ही रोक दिया जा रहा। पुलिस उपायुक्त (काशी जोन) गौरव बंसवाल ने बताया, ‘‘भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई मार्गों पर चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से भीड भाड़ वाले स्थानों पर नजर रखी जा रही है।’’

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं के हुजूम को देखते हुए कई जगह मार्ग परिवर्तन किया गया है। वाराणसी में भारी भीड़ के बावजूद वहां जाने को लेकर लोगों का उत्साह कम नहीं हो रहा। मुंबई से महाकुंभ में आए निशांत अभिषेक ने कहा, “सुनने में आया है कि प्रयागराज के अलावा काशी और अयोध्या में भी भारी भीड़ है। इसके बावजूद हम आज काशी के लिए निकल रहे हैं। हम अयोध्या जी भी जाएंगे।”

काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए विशेष दर्शन मार्ग और लाइन लगाई जा रही है। मंदिर प्रशासन के अनुसार प्रतिदिन करीब चार से छह लाख भक्त बाबा के दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं। वहीं सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 9 फरवरी तक प्रयागराज महाकुंभ में 43.57 करोड़ से अधिक लोग गंगा और संगम में स्नान कर चुके हैं। 10 फरवरी को सुबह 10 बजे तक 63 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में स्नान किया।