गौतम अडानी पर अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स की ओर से लगाए आरोपों के बाद पूरे भारत में बवाल मच गया है. मामला अमेरिका में सोलर पावर कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने का है. जिस पर अमेरिका की कोर्ट ने गौतम अडानी समेत 7 लोगों के खिलाफ वारंट जारी कर दिए हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
हिंडनबर्ग रिसर्च ने जब गौतम अडानी पर आरोप लगाए थे, उसके बाद शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी. इस बार अमेरिका से अडानी पर आरोप लगे हैं. इस बार आरोप रिश्वत का है. वो भी 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा का है. जिसके बाद फिर से अडानी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. ग्रुप के मार्केट कैप से झटके में 2.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. ऐसे में समझना जरूरी है कि आखिर पूरा मामला है क्या? इस पूरे मामले से अडानी ग्रीन एनर्जी के अलावा कौन सी कंपनी जुड़ी हुई है. इसके पीछे की पूरी कहानी क्या है? आखिर अडानी पर रिश्वत देने के आरोप क्यों लगे हैं? आइए इसे परत दर परत समझने की कोशिश करते हैं…
गौतम अडानी पर कौन से लगे आरोप?
सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि आखिर गौतम अडानी और उनकी कंपनी पर कौन-कौन से आरोप लगे हैं? मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गौतम अडानी पर अमेरिका में अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स और कांट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकायों को 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दी है. साथ ही अडानी पर ये भी आरोप है कि उन्होंने इस बात को उन अमेरिकी बैंकों और इंवेस्टर्स छिपाया. अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स का दावा है कि कंपनी के दूसरे सीनियर अधिकारियों ने कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को पैसा देने पर सहमति जताई थी.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी ने झूठे बयानों से गुमराह करने की कोशिश और साल 2021 में बॉन्ड ऑफर कर अमेरिका के अलावा दूसरे इंटरनेशनल इंवेस्टर्स और अमेरिका के बैंकाें से फंड जुटाया. अमेरिका के अटॉर्नी ब्रायन पीस के मुताबिक सोलर पॉवर के कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकाािरयों को रिश्वत देने की बड़ी प्लानिंग की गई थी. मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अरबो डॉलर्स के इस खेल को जीत के लिए गौतम अडानी ने इस मामले में कथित तौर पर पर्सनली सरकारी ऑफिशियल से मुलाकाम की थी.
कब से कब तक दी गई रिश्वत?
अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स की ओर से दावा किया गया है कि रिश्वत देने का पूरा दौर करीब 4 साल तक चला. रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल सोल प्रोजेक्ट्स दिलाने के लिए गलत रूट से इंडियन ऑफिशियल्स को ब्राइब दी गई. खास बात तो ये है इस सोलर प्रोजेक्ट के कांट्रैक्ट से अगले बीस साल 2 बिलियन डॉलर यानी 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा हासिल करने अनुमान था. इस पूरे मुनाफे को हासिल करने के लिए झूठे दावे किए गए लोन और बॉन्ड्स के जरिए जैसा जमा किया गया. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रॉयन पीस के अनुसार अरबों डॉलर के कॉन्ट्रेक्ट लेने के लिए भारत के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की सीक्रेट प्लानिंग की गई और उसके बाद सभी को अंधेरे में रखा गया.
किन-किन पर होगी जांच?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसाार अमेरिका में सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने इस पूरे मामले में गौतम अडानी के साथ उनके भतीजे सागर अडानी, अमेरिकी इंवेस्टर विनीत जैन, एज्योर पावर के सीईओ रहे रंजीत गुप्ता और कंपनी के सलाहकार रूपेश अग्रवाल के साथ 7 लोगों को जांच के घेरे में शामिल किया है. अमेरिका से आई रिपोर्ट के अनुसार अडानी ग्रीन एनर्जी को कॉन्ट्रेक्ट दिलाने और भारत में सबसे बड़ा सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी.
अमेरिकी एजेंसी इस मामले की जांच मतें जुट गई है कि क्या अडानी ग्रुप ने अपने फायरे के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की और कांट्रैक्ट लेने के लिए उन्होंने क्या अधिकारियों को गलत तरीके से पैसे दिए? रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में अमेरिकी कोर्ट में सुनवाई के बाद गौतम अडानी और उनके भतीजे के खिलाफ वॉरंट जारी कर दिए गए हैं.
किस प्रोजेक्ट को हासिल करना चाहते थे अडानी?
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर गौतम अडानी आखिर किस प्रोजेक्ट की वजह से मुश्किलों में आ गए हैं? अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स के अनुसार गौतम अडानी की कंपनी ने हाल की में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी देने के लिए कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया. सेकी को सोलर एनर्जी खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे और बायर्स के बिना ये डील होनी मुमकिन नहीं थी. ऐसे में अडानी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का प्लान तैयार किया. रिपोर्ट के अनुसार इसका एक हिस्सा आंध्रप्रदेश के अधिकारियों को दिया गया है.
अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स ने दावा किया है कि इस पूरे मामले में अपनी भूमिका को छिपाने के लिए कोड का यूज किया गया. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि गौतम अडानी का कोड नेम ‘न्यूमेरो यूनो’ या ‘द बिग मैन’ रखा गया था. इस मामले को अंजाम देने के लिए पूरी बातचीत एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग के थ्रू की गई थी. खास बात तो ये है कि इन दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर ज्यादा एकत्र किए थे.
गौतम अडानी के शेयरों में बड़ी गिरावट
अडानी ग्रुप के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट आई. अडानी एनर्जी और अडानी इंटरप्राइजेज के शेयर 20 फीसदी तक लुढ़क गए. उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स के भारत में सोलर पावर कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाने के बाद ग्रुप की कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई है. बीएसई पर समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर में 20 प्रतिशत, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में 20 प्रतिशत, अडानी ग्रीन एनर्जी में 19.17 प्रतिशत, अडानी टोटल गैस में 18.14 प्रतिशत, अडानी पावर में 17.79 प्रतिशत और अडानी पोर्ट्स के शेयर में 15 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके अलावा ग्रुप की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 14.99 फीसदी, एसीसी 14.54 प्रतिशत, एनडीटीवी 14.37 प्रतिशत और अदाणी विल्मर का शेयर 10 प्रतिशत लुढ़का. समूह की कुछ कंपनियों ने दिन के लिए अपनी निचली सीमा को छुआ.साभार TV9