नई दिल्ली – ब्रिक्स समिट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी। बैठक के बाद पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत-चीन के संबंध वैश्विक शांति के लिए जरूरी हैं। हम खुले मन से बातचीत करेंगे। 5 साल बाद हमारी मुलाकात हुई। दुनिया के लिए हमारे संबंध जरूरी हैं। एक दूसरे का सम्मान होना चाहिए। सीमा पर मुद्दों को लेकर सहमति का स्वागत करते हैं।
जिनपिंग से मिलकर बोले पीएम- बहुत खुशी हुई
जिनपिंग से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसे मिलकर खुशी हुई। हमारा मानना है कि भारत और चीन के संबंधों का महत्व केवल हमारे लोगों के लिए ही नहीं है। वैश्विक शांति-स्थिरता और प्रगति के लिए भी हमारे संबंध बहुत अहम हैं। इस दौरान विदेश सचिव ने कहा कि बॉर्डर पर डिसइंगेजमेंट और पेट्रोलिंग को लेकर सहमति के बैकग्राउंड में मोदी-शी की मीटिंग हुई है। दोनों नेताओं ने प्रसन्ना जताई।
पीएम मोदी ने बैठक के दौरान और क्या कहा
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे बाउंड्री रिलेटेड मेटर का असर हम शांति और स्थिरता पर नहीं पड़ने देना चाहते। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-चीन के स्पेशल रिप्रजेंटिव ने क्रूशियल रोल अदा किया बाउंड्री के सवाल पर। उन्होंने स्पेशल रिप्रजेंटेटिव से फिर जल्दी मिलने को कहा है। भारत की तरफ से स्पेशल रिप्रजेंटेटिव एनएसए अजीत डोभाल हैं।
जिनपिंग से मुलाकात के बाद पीएम मोदी का ट्वीट
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात हुई। इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, ‘कजान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। भारत-चीन संबंध हमारे देशों के लोगों और क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेगी।’
बैठक में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्या कहा
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए अधिक संचार और सहयोग करना, हमारे मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सुविधा प्रदान करना महत्वपूर्ण है। दोनों पक्षों के लिए हमारी अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना भी महत्वपूर्ण है।
क्यों खास है ये मुलाकात
रूस के कजान शहर में हुई ये बैठक इसलिए खास है क्योंकि 5 साल बाद पीएम मोदी और जिनपिंग मिले हैं। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद सामने आने के बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों की ये पहली द्विपक्षीय बैठक है। ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब एक दिन पहले ही भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी सेनाओं की ओर से गश्त करने के समझौते पर सहमति जताई थी। यह चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
लंबे समय बाद दोनों पड़ोसी एक साथ
नवंबर 2022 में, पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की ओर से जी-20 नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में एक-दूसरे का अभिवादन किया। हालांकि, उस समय द्विपक्षीय वार्ता तो नहीं हुई। बस संक्षिप्त बातचीत दोनों नेताओं के बीच हुई थी। पिछले वर्ष अगस्त में भी भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन के दौरान जोहांसबर्ग में मिले थे। हालांकि, उस समय भी दोनों नेताओं के बीच एक संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत हुई थी।