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ई कॉमर्स कंपनी को फर्जी आर्डर देकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, महंगी कार व भूखंड खरीदे

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बहरोड़ जिले के एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट एक करोड़ से भी ज्यादा रुपए ठग लिए. उसने माल डिलीवर करने वाली कंपनी के सॉफ्टवेयर में सेंधमारी कर यह ठगी की. पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया है.

अलवर – डिल्हीवरी लिमिटेड कम्पनी के साॅफ्टवेयर में सेंध लगा फ्लिपकार्ट कम्पनी को फर्जी आर्डर देकर करोड़ों रुपयों की आनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड आशीष यादव पुत्र सुरेश चन्द को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वह कोटपूतली बहरोड़ जिले के चेतावाली ढाणी रघुनाथपुरा का निवासी है. उसने धोखाधड़ी की राशि से एक क्रेटा गाड़ी व बेशकीमती दो भू-खण्ड खरीदे थे.

जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि डिल्हीवरी कम्पनी के सिक्योरिटी ऑफिसर परविंदर सिंह ने पुलिस थाना साइबर अलवर पर मामला दर्ज कराया था. इसमें बताया गया था कि गत 14-15 मई की रात 12 से सुबह 4 बजे के बीच कुछ लोगों ने कंपनी के डिलीवरी बॉय की आईडी का उपयोग कर कुल 225 शिपमेंट फ्लिपकार्ट कम्पनी के प्लेटफार्म से ऑनलाइन आर्डर कर दिए. इतना ही नहीं उन आर्डरों को डिलीवर बता दिया और बाद में रिटर्न पिकअप भी दिखा दिए. सामान रिटर्न के नाम पर ठगों ने फ्लिप कार्ट कम्पनी से शिपमेंट रिटर्न भुगतान के रूप में 1 करोड़ 12 लाख रुपए अलग-अलग खाते में प्राप्त कर लिए.

पुलिस टीम ने मास्टरमाइंड को पकड़ा
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाने के थानाधिकारी रामेश्वर लाल के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की. पुलिस ने जांच के बाद धोखाधड़ी के मास्टर माइंड आशीष कुमार को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से एक क्रेटा गाड़ी बरामद की. आरोपी की ओर से कोटपूतली में दो बेशकीमती भू-खण्ड भी खरीदे गए हैं. मुख्य आरोपी आशीष कुमार ने पकड़े जाने के डर से कार व भू-खण्ड अपने ससुर सहीराम यादव निवासी नारेड़ा खुर्द के नाम से खरीदे थे.

यूं दिया धोखाधड़ी की घटना को अंजाम

थानाधिकारी रामेश्वर लाल ने बताया कि साइबर ठगी के मास्टर माइंड आशीष यादव ने डिल्हीवरी कंपनी में काम करने वाले डिलीवरी ब्वाॅय की आईडी पासवर्ड की जानकारी चुरा ली. इसके बाद 14,15 मई 2024 को अपने दोस्त हरिओम सैन व राहुल शर्मा व अन्य दो साथियों के साथ मिलकर रात 12 बजे से सुबह 5 बजे के बीच 5 घंटे में लैपटाॅप, मोबाइल फोन व अलग-अलग नाम से जारी सिमकार्ड का उपयोग कर फ्लिपकार्ट कम्पनी के पोर्टल पर आईडी से अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से सामान खरीदने का आर्डर दिया. इन आर्डरों के माध्यम से उसने डिल्हीवरी लिमिटेड के पोर्टल पर विक्रेता से डिलीवरी ब्वाॅय द्वारा भिजवाना बता दिया और कंपनी को सूचना दे दी कि ग्राहक से नगद राशि प्राप्त हो गई है. इसके बाद इसी सामान को खराब बताकर वापस लौटाने की फर्जी सूचना डिल्हीवरी कम्पनी के पोर्टल पर अपलोड कर दी. रिटर्न किए गए सामान की कीमत 1 करोड़ 12 लाख रुपए थी. फ्लिपकार्ट कम्पनी के पोर्टल पर डिल्हीवरी कम्पनी के पोर्टल से ग्राहक का माल रिटर्न होने की सूचना भी उसने फर्जी तरीके से भेज दी. इस पर फ्लिपकार्ट कम्पनी ने यह समझ​ लिया कि ग्राहकों से माल रिटर्न हो गया है. इस पर उसने आरोपियों की ओर से उपलब्ध कराए बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर कर दिए.