रायपुर। भिलाई के प्राइवेट स्कूल में मासूम बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न की घटना 5 जुलाई को सामने आई थी। पालकों की तरफ से स्कूल प्रबंधन से शिकायत भी की गई, लेकिन स्कूल प्रबंधन के साथ ही पुलिस भी ऐसी किसी घटना को नकारता रहा। हालांकि मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधन ने घटना के दिन ड्यूटी पर रही एक महिला स्टाफ को छुट्टी पर भेज दिया था। इस बीच घटना से नाराज दूसरे बच्चों के पालकों ने स्कूल प्रबंधन का घेराव किया, लेकिन मामला ठंडा कर दिया गया।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दा बना लिया और मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया। इसके बाद दुर्ग पुलिस ने स्वत: इस मामले में एफआईआर दर्ज की है। घटना नेवई थाना क्षेत्र की है, लेकिन एफआईआर महिला थाना में दर्ज की गई। महिला थाना ने पास्को एक्ट की धारा 8 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के लिए बच्ची के परिजनों के उस आवेदन को आधार बनाया है जो उन्होंने बच्ची का टीसी निकलवाने के लिए स्कूल प्रबंधन को दिया था। जानकारों का कहना है कि पुलिस ने दबाव में एफआईआर तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अब इसके जरिये बच्ची के परिजनों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि परिजन पहले ही इस मामले की शिकायत करने पहुंचे थे, लेकिन बाद में लोकलाज और दबाव की वजह से पीछे हट गए। अब वे इसे मामले में एफआईआर करना नहीं चाह रहे थे। कानून के जानकारों के अनुसार यह पास्को एक्ट का मामला है, इसमें पुलिस बिना किसी आवेदन के भी एफआईआर दर्ज कर सकती थी।