सुप्रीम कोर्ट ने नीट पीजी परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था। छात्रों ने शीर्ष न्यायालय में इस संबंध में याचिका दायर की गई थी, जिसपर आज सुनवाई हुई। आइए जानते हैं छात्र परीक्षा का स्थगित करने की मांग क्यों कर रहे थे।
नई दिल्ली – उम्मीदवारों पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आज दूर स्थित परीक्षा केंद्र आवंटन का हवाला देते हुए परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया और कहा कि इससे 2 लाख छात्रों और 4 लाख अभिभावकों को नुकसान होगा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील संजय हेगड़े ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि परीक्षा केंद्रों की संख्या 1,200 से घटाकर 500 कर दी गई है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें 50,000 फोन कॉल आए हैं। उन्होंने तर्क दिया कि “2 परीक्षाएं, 2 पेपर सामान्यीकरण को ‘स्वाभाविक रूप से समस्याग्रस्त’ बना देंगे।
पीठ ने कहा, “अब पीजी परीक्षा को पुनर्निर्धारित करना संभव नहीं है, वे सभी हम सभी के बच्चे हैं। सिद्धांत रूप से हम पुनर्निर्धारित नहीं करेंगे। 2 लाख छात्र और 4 लाख अभिभावक पीड़ित होंगे। 5 याचिकाकर्ताओं के इशारे पर 2 लाख छात्रों का करियर खतरे में रहेगा।”