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ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे… जया बच्चन की ‘पुरानी दोस्त’ सोनिया गांधी को आज देख याद आया अमिताभ-राजीव कनेक्शन

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नई दिल्ली – संसद की कार्यवाही में राज्यसभा के भीतर आज हंगामा हो गया. समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जया बच्चन की सभापति जगदीप धनखड़ से बहस सी हो गई जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने वॉक आउट किया. इसके बाद सभी महिला सांसदों के साथ जया बच्चन ने मीडिया से बात भी की. वहीं जब वह पत्रकारों से बात कर रही थीं, उनके पास में ही कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी खड़ी थीं. एकबारगी यह दृश्य काफी हद तक वह कनेक्शन याद दिला देता है जो जया बच्चन और गांधी परिवार के बीच कभी था… सहज ही यह यह सवाल उठता है कि क्या सोनिया गांधी इस पूर्व-कनेक्शन के चलते जया बच्चन के समर्थन में आएंगी…

पहले जान लेते हैं आज राज्य सभा में हुआ क्या…
सभापति से जया ने सदन में आज दो टूक कहा कि आपकी टोन ठीक नहीं है. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंग्वेज समझती हूं. एक्प्रेशन्स समझती हूं…सर मुझे माफ करिएगा, मगर आपका टोन जो है, वह ठीक नहीं है. इसके बाद धनखड़ ने कहा कि मैं जानता हूं कि कैसे निपटना है.

जया बच्चन से सभापति धनखड़ ने क्या कहा…
जया बच्चन के ऐसा कहने के बाद सभापति धनखड़ उखड़ गए. उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आप बैठ जाएं. उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि कैसे निपटना है…जया जी आपने बड़ा सम्मान हासिल किया है. आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप वो नहीं देख पाती हैं, जो मैं यहां से देखता हूं. मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टेंपर पर बात की जा रही है. पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता, मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है.

मीडिया से बातचीत के दौरान… हुआ क्या…
बाद में जया बच्चन ने संसद के बाहर ही मीडिया से बात की और कहा, जो चेयर से कहा जाता है वो ठीक है… अगर वो चेयर (राज्यसभा की चेयर) से बाहर हैं तो वह भी एक आम इंसान, एक आम एमपी हैं. वो हमारे अन्नदाता तो नहीं हैं… मैंने उनके बोलने के टोन का ऑब्जेक्शन किया था. हम कोई स्कूल के बच्चे तो नहीं हैं, हम में से कई लोग सीनियर सिटिजन्स हैं.

क्या है अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी कनेक्शन…
देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्‍चन के बीच गहरी दोस्ती थी. पुराने समय के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि दोनों की दोस्‍ती कितनी गहरी थी. किताबों और तमाम लेखों के मुताबिक, राजीव गांधी के कहने पर ही स्टार अमिताभ बच्‍चन ने राजनीति में कदम रखा था.

सोनिया गांधी तो अमिताभ को अपना भाई मानती थीं…बताया जाता है कि सोनिया गांधी जनवरी 1968 में नई दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पहुंची तब उन्‍हें रिसीव करने के लिए खुद अमिताभ बच्‍चन एयरपोर्ट गए थे. यह वह समय था जब सोनिया गांधी और राजीव गांधी का विवाह नहीं हुआ था. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अमिताभ बच्‍चन को ‘मामू’ कहा करते थे.