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😨 झंगलू :- भइया मंगलू , कुसंग से तो हानि होबे करथे ** सत्संग से भी हो सकत हे( हाथरस )
😫 मंगलू :- बिल्कुल हो सकत हे झंगलू ! सत्संग भी अनुशासित , मर्यादित , नियंत्रित अउ सुरक्षित होना चाहिए * सत्संग में उत्साह तो होना चाहिए , बदहवासी अउ अतिउत्साह नइ होना चाहिए । हाथरस के घटना से मन बहुत दुखी अउ विचलित हे * चिंतित अउ व्यथित हे । हमर रायपुर में भी आए दिन अइसने सत्संग होवत रहिथे ** जब – जब होथे अउ जब तक होथे , मोर पोटा कांपत रहिथे
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