पटना – 2024 में नीट पेपर लीक कांड ने देशभर की परीक्षा प्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.. जिस तरीके से राजधानी पटना के खेमनीचक स्थित प्ले लर्न स्कूल में नीट का जला हुआ प्रश्न पत्र मिला, उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं. अब तो जांच में यह बात भी सामने आ गई है कि यह प्रश्न पत्र हजारीबाग के ओएसिस स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र से आउट हुआ था. नीट पेपर लीक कांड ने देशभर के लाखों छात्रों में संशय की स्थिति पैदा कर दी है. राजधानी पटना के छात्र भी इससे अछूते नहीं हैं. परीक्षा की पारsदर्शिता को लेकर उनके मन में कई सवाल उभरकर सामने आ रहे हैं. हमने राजधानी पटना, बिहार के चर्चित और पूर्वी भारत के ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले पटना विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत की और जानना चाहा कि आखिरकार नीट पेपर लीक जैसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है?
पटना विश्वविद्यालय में सबसे पहले हमारी मुलाकात नीतीश और लकी यादव जैसे छात्रों से हुई. इन दोनों छात्रों ने कहा कि नीट जैसी परीक्षा का संचालन कभी भी ऑफलाइन नहीं होना चाहिए. यह दोनों छात्र नीट परीक्षा का संचालन ऑनलाइन पद्धति से करने की वकालत करते नजर आए.
पटना विश्वविद्यालय के ही बीएन कॉलेज में हमारी मुलाकात वरुण कुमार दुबे नामक छात्र से होती है. वरुण दुबे का कहना है कि अगर नीट पेपर की परीक्षा ऑफलाइन होती है तो उसे कभी भी निजी संस्थानों में परीक्षा केंद्र नहीं बनाना चाहिए.
इसके बाद हमारी टीम पटना के प्रतिष्ठित साइंस कॉलेज में पहुंची, जहां हमारी मुलाकात अनुराग कुमार और राहुल कुमार मिश्रा जैसे छात्रों से हुई. अनुराग का कहना है कि एग्जाम ऑनलाइन हो और कोई एक दो सेट नहीं, कम से कम 15 से 20 सेट क्वेश्चन पेपर रखे जाने चाहिए कि अगर कोई एक दो सेट का पेपर आउट हो जाता है तो पूरी परीक्षा स्थगित नहीं करनी पड़ेगी और छात्रों को भी परेशानी कम होगी. राहुल कुमार मिश्रा ने बताया कि ऑफलाइन परीक्षा में क्वेश्चन पेपर आउट होने का एक बड़ा कारण सिस्टम में लूप हॉल हैं.
नीट मेडिकल की तैयारी कर रहे पटना के एक छात्र आरंभ तिवारी की मानें तो प्रिंटिंग प्रेस पर नियंत्रण करना सबसे ज्यादा जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में प्रिंटिंग प्रेस में लूप हॉल ही पेपर लीक के लिए एक बड़ा कारण बन जाता है तो ऐसे में प्रिंटिंग प्रेस के हर एक कर्मचारी पर नजर रखना एनटीए की बड़ी जिम्मेदारी है.
छात्रों का विचार जानने के बाद हम नीट परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक्सपर्ट से भी मिले. पटना में नीट की तैयारी करवाने वाले शिक्षक आशुतोष कुमार झा की मानें तो उनकी नजर में नीट पेपर का एग्जाम ऑनलाइन करना ही बेहतर उपाय है. उन्होंने छात्रों की नीट एग्जाम ऑनलाइन कराने की बात पर पृरी सहमति जताई. शिक्षक आशुतोष कुमार झा की मानें तो ऑनलाइन एग्जाम में 15 से 20 सेट में क्वेश्चन पेपर भी होना चाहिए, क्योंकि अगर ऑनलाइन एग्जाम में 1 से 2 सेट में गड़बड़ी आ जाए, पेपर बाहर हो जाए तो बाकी के सेट के परीक्षार्थियों को कोई परेशानी नहीं होगी