राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को भाजपा के साथ मतभेद की अफवाहों को खारिज कर दिया। इससे पहले पार्टी प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से चूक जाने के बाद अपने पहले बयान में कहा था कि एक सच्चा सेवक कभी अहंकारी नहीं…
नई दिल्ली – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को भाजपा के साथ मतभेद की अफवाहों को खारिज कर दिया। इससे पहले पार्टी प्रमुख मोहन भागवत ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के बहुमत से चूक जाने के बाद अपने पहले बयान में कहा था कि एक सच्चा सेवक कभी अहंकारी नहीं होता। आरएसएस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
आरएसएस सूत्रों ने कहा कि संघ और उसके वैचारिक मार्गदर्शक भाजपा के बीच “कोई मतभेद नहीं है”, जबकि विपक्षी नेताओं सहित लोगों के एक वर्ग ने दावा किया है कि भागवत की टिप्पणी भगवा पार्टी के नेतृत्व या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थी। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां अटकलें हैं और संदर्भ से हटकर कही गई हैं।
मोहन भागवत का बयान
सोमवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा, “एक सच्चा ‘सेवक’ मर्यादा बनाए रखता है। वह काम करते समय मर्यादा का पालन करता है। उसे यह अहंकार नहीं होता कि वह कहे कि ‘मैंने यह काम किया’। केवल वही व्यक्ति सच्चा ‘सेवक’ कहलाता है।” जवाब में आरएसएस सूत्रों ने कहा, “उनके (भागवत) भाषण में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद दिए गए भाषण से बहुत अंतर नहीं था। किसी भी संबोधन में राष्ट्रीय चुनाव जैसी महत्वपूर्ण घटना का संदर्भ देना लाजिमी है।”
इसका गलत अर्थ निकाला गया
उन्होंने कहा, “लेकिन भ्रम पैदा करने के लिए इसका गलत अर्थ निकाला गया और इसे संदर्भ से बाहर ले जाया गया। उनकी ‘अहंकार’ वाली टिप्पणी कभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या किसी भाजपा नेता के लिए नहीं थी।” आरएसएस सूत्रों ने भी अपने राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार द्वारा भाजपा के चुनाव प्रदर्शन को लेकर की गई आलोचना से खुद को अलग कर लिया। एक पदाधिकारी ने कहा कि यह उनकी निजी राय है और यह संगठन के आधिकारिक रुख को नहीं दर्शाता।
मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से खुश- इंद्रेश कुमार
गुरुवार को जयपुर के निकट एक कार्यक्रम में कुमार ने कहा, “जिस पार्टी (भाजपा) ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, लेकिन वह सबसे बड़ी पार्टी बन गई।” उन्होंने कहा, “और जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें मिलाकर 234 पर रोक दिया गया।” उन्होंने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को मिली सीटों का हवाला दिया। अपनी टिप्पणी पर विवाद उत्पन्न होने के बाद कुमार ने शुक्रवार को कहा कि देश भाजपा के चुनाव प्रदर्शन और नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने से खुश है।
लोग भगवान राम के खिलाफ थे, वे सत्ता से बाहर हैं
उन्होंने कहा, ”इस समय, ताजा खबर यह है कि जो लोग भगवान राम के खिलाफ थे, वे सत्ता से बाहर हैं और जो भगवान राम के भक्त थे, वे सत्ता में हैं।” उन्होंने कहा, ”पीएम मोदी के नेतृत्व में देश तरक्की करेगा।” भागवत के भाषण को लेकर चल रही बहस के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, “बेहतर होगा कि आप इसके बारे में संघ के अधिकृत पदाधिकारियों से पूछें।”