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गोगोई का कटाक्ष – तो क्या अब 230 से अधिक सांसदों को निलंबित करेंगे

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 ‘मणिपुर को नजरअंदाज और जांच एजेंसियों का करेंगे दुरुपयोग’, पीएम मोदी पर गौरव गोगोई का हमला

नई दिल्ली – कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा है कि संसदीय लोकतंत्र के प्रति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दृष्टिकोण तब तक नहीं बदलेगा जब तक नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री हैं. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि फुटबाल के खेल की तरह संसद में इस बार विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की रक्षा पंक्ति बहुत मजबूत हो गई क्योंकि उसके पास 230 से अधिक सांसद हैं.

समाचार एजेंसी ‘पीटीआई’ के मुख्यालय में इसके संपादकों के साथ बातचीत में गोगोई ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व शैली यह विश्वास पैदा नहीं करती कि यह सरकार पांच साल सफलतापूर्वक चल सकती है.

असम के जोरहाट से लोकसभा सदस्य गोगोई ने कहा, ”मैं देख रहा हूं कि ‘इंडिया’ गठबंधन के 236 सांसदों की उपस्थिति में यह एक ऐसी संसद होगी जहां वे (सत्तापक्ष) विधेयकों को मनममाने ढंग से पारित नहीं करा सकते, हमें डरा नहीं सकते, हमें निलंबित नहीं कर सकते.” उन्होंने सवाल किया, ”सरकार ने (पिछले साल) 146 सांसदों को निलंबित करा दिया था. क्या वे इस बार 236 को निलंबित करेंगे?” गोगोई पिछली लोकसभा में सदन के भीतर कांग्रेस के उप नेता थे.

गोगोई ने इस धारणा को भी खारिज कर दिया कि राजग की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू और जनता दल (यू) के नेता नीतीश कुमार ने सरकार गठन में सबकुछ भाजपा पर छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इन दोनों नेताओं के पास ”बेहद चतुर राजनीतिक दिमाग” है और उन्हें आंकने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ”केवल समय ही बताएगा कि कि उनके असल इरादे क्या हैं.” कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तक मोदी प्रधानमंत्री हैं तब तक उन्हें संसदीय लोकतंत्र के प्रति भाजपा के दृष्टिकोण में बदलाव की उम्मीद नहीं है.

संख्या बल के आधार पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं: संसदीय कार्यमंत्री रीजीजू

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को कहा कि वह संसद की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए सभी को साथ लेकर चलने की पूरी कोशिश करेंगे. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संख्या बल के आधार पर संसद में एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. रीजीजू ने अपने पूर्ववर्ती प्रह्लाद जोशी और राज्य मंत्रियों अर्जुन राम मेघवाल और एल मुरुगन की मौजूदगी में संसदीय कार्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद यह टिप्पणी की.

उन्होंने कहा, ”हमें संख्या बल के आधार पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं है. लोग संसद के बाहर बाहुबल का इस्तेमाल करते हैं लेकिन सदन के अंदर हमें अच्छी बहस करनी चाहिए और मुखरता से अपनी बात रखनी चाहिए.” रीजीजू ने सभी राजनीतिक दलों से संसद की गरिमा बनाए रखने में योगदान देने की अपील की. उन्होंने कहा, ”मैं यहां सकारात्मक भाव से आया हूं. हम सभी को साथ लेकर चलने और संसद चलाने का पूरा प्रयास करेंगे.”