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हिरासत में मौत मामला – साइबर सेल के सभी 11 पुलिसकर्मी लाइन अटैच, कांग्रेस ने मांगा 50 लाख मुआवजा

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धमतरी – जिले में पुलिस हिरासत में हुई मौत का मामला दिन-ब-दिन गहरा होता जा रहा है। इस मामले में अब तक पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। धमतरी के एसपी ने साइबर सेल के सभी 11 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है। इससे पहले एसपी ने चार थाना प्रभारी, दो चौकी प्रभारी और साइबर सेल के इंचार्ज को हटा दिया था। इस मामले में कांग्रेस ने एक जांच कमेटी गठित की है, जो मंगलवार को घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची थी।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी में गुंडरदेही, बालोद, धमतरी और सिहावा के विधायक और धमतरी जिला कांग्रेस अध्यक्ष शामिल हैं। इसके साथ ही, कांग्रेस ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।

क्या था मामला?

मृतक दुर्गेश सोनकर, जो कि राजनांदगांव जिले के भंवरमरा का रहने वाला था, पर आरोप था कि उसने क्षेत्र के किसानों से धान खरीदी थी, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया और इसके बदले किसानों को खाली चेक दे दिए। इस धोखाधड़ी के आरोप में उसे धमतरी के अर्जुनी थाने में गिरफ्तार किया गया था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान दुर्गेश सोनकर को बुरी तरह से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। हालांकि पुलिस प्रशासन का कहना है कि मृतक की मौत हार्ट अटैक से हुई है।

मृतक की पत्नी का आरोप

मृतक की पत्नी, दुर्गा सोनकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके पति को 29 मार्च को दुर्ग के पास गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उन्हें इसकी सूचना नहीं दी और परिजनों से जानकारी छुपाई। दुर्गा का आरोप है कि पुलिस ने उनके पति को इतना मारा कि उसकी जान चली गई।

एसपी की कार्रवाई और भविष्य की दिशा

एसपी द्वारा साइबर सेल के सभी 11 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच करने के बाद प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। कांग्रेस की जांच कमेटी के घटनास्थल पर पहुंचने से मामले की गंभीरता और बढ़ गई है। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस प्रशासन इस मामले में और सख्त कदम उठाता है और इस पूरे प्रकरण की जांच निष्पक्ष तरीके से होती है या नहीं।