ईरान कितना ताकतवर है? उसके पास कितने सैनिक और कौन-कौन से हथियार हैं? ईरान को हथियार सप्लाई करता कौन है? ईरानी सेना की कमजोरी क्या है?
Iran Israel War: ईरान ने 14 अप्रैल को तड़के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से इजराइल पर हमला कर दिया. हमले मुख्य रूप से यरूशलेम, दक्षिण में नेगेव रेगिस्तान और डेड सी, उत्तर में इजराइली-कब्जे वाले गोलन हाइट्स और साथ ही कब्जे वाले वेस्ट बैंक में किए गए. इजराइल के कान टीवी समाचार ने बताया कि ईरान ने लगभग 400-500 में मिसाइल और ड्रोन लॉन्च किये, जिसमें करीब 100 को इजराइल पहुंचने से पहले ही रोक दिया गया.
ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से तल्खी चली आ रही है, लेकिन इस महीने की शुरुआत में इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. जिसमें ईरान के 7 टॉप मिलिट्री कमांडर मारे गए थे. इसके बाद ईरान ने बदला लेने का ऐलान किया था. शुरुआत छिटपुट हमलों से की, लेकिन अब सीधा अटैक कर दिया है.
14वीं सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत
ईरान दुनिया की 14वीं सबसे बड़ी मिलिट्री ताकत है और ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई सेना के सर्वोच्च कमांडर हैं. तीनों सेनाओं से जुड़े सभी महत्वपूर्ण फैसले वही लेते हैं. इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक अफेयर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल मिडिल ईस्ट यानी मध्य-पूर्व में ईरान सबसे बड़ी सैन्य ताकत है. उसकी सेना में 580,000 लाख सैनिक हैं, जबकि 2 लाख के आसपास रिजर्व फौज है. जो पूरी ट्रेंड हैं.
ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स में एक क्वाड्स फोर्स भी है, जो बहुत हाईली ट्रेंड है और काफी खतरनाक मानी जाती है. इस यूनिट के सैनिक अत्याधुनिक हथियार चलाने से लेकर गुरिल्ला वॉर में ट्रेंड हैं और पूरे मध्य-पूर्व में अलग-अलग देशों के चरमपंथी गुटों को सहयोग करते रहे हैं, जिसे ‘एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ नाम दिया है. इन गुटों में लेबनान का हिजबुल्ला, यमन के हौती, सीरिया, इराक, फिलिस्तीन, गाजा के चरमपंथी शामिल हैं.
ईरान के पास कौन से हथियार?
ईरान के हथियारों की बात करें (Iran Weapons) तो उसके पास जो सबसे खतरनाक हथियार है, वो हैं बैलिस्टिक मिसाइलें अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय के अनुसार, बैलिस्टिक मिसाइलें तेहरान के शस्त्रागार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. पूरे मिडिल-ईस्ट में ईरान ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइले हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अमेरिका, इजराइल समेत तमाम पश्चिमी देशों की चिंता की वजह भी यही है.
बैलेस्टिक मिसाइल: इजराइल से तनाव के बीच इसी हफ्ते ईरान के सरकारी समाचार पत्र ISNA ने 9 ऐसी मिसाइलों की जानकारी दी, जिनकी सीधे इजराइल तक पहुंच है. इन मिसाइलों में पहली है ‘सेजिल’ जो 17,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 2500 किलोमीटर तक जा सकती है. इसी तरह Kheibar की रेंज 2000 किलोमीटर है और Haj Qasem की रेंज 1400 किलोमीटर है.
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के मुताबिक ईरान के पास दर्जनों शॉर्ट और मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं. जैसे ‘शाहाब-1’, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर है, Zolfaghar, जो 700 किलोमीटर तक जा सकती है, ‘शाहाब-3’, जिसकी रेंज 1000 किलोमीटर तक है. ईरान इन मिसाइलों का इस्तेमाल कम दूरे के टार्गेट पर कर सकता है.
हाइपरसोनिक मिसाइल
पिछले साल जून में ईरान ने अपनी पहली स्वदेशी हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल को देश के सामने रखा था. हाइपरसोनिक मिसाइलें आवाज की गति यानी साउंड की स्पीड से 5 गुना तेजी से चलती हैं, इसलिए इनको इंटरसेप्ट करना अथवा मार गिराना मुश्किल वाला काम होता है. ईरान के पास केएच-55 जैसी क्रूज मिसाइलें है, जो परमाणु क्षमता से लैस हैं और 3000 किलोमीटर तक परमाणु हथियार ले जा सकती हैं.
परमाणु हथियार
अमेरिका समेत तमाम पश्चिमी देशों को आशंका है कि ईरान ने परमाणु हथियार भी डेवलप कर लिए हैं, हालांकि उसने ना तो कभी खुलकर माना और ना ही इनकार किया. अमेरिका की इस आशंका को इसलिये भी बल मिलता है, क्योंकि ईरान ने परमाणु हथियार ले जाने वाली क्रूज मिसाइलें डेवलप कर ली हैं.