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‘भूपेश के खिलाफ बोलने से मुझ पर हो सकता है हमला, मेरी रिवॉल्वर वापस कर दो’: कांग्रेस नेता ने की पुलिस से मांग

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छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस नेता ने पुलिस से अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर के वापस करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने पुलिस को आवेदन पत्र लिखा है। कलेक्टर को लिखे इस आवेदन पत्र में  पूर्व कांग्रेस नेता राम कुमार शुक्ला ने लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ मैंने कुछ बातें कही है। उससे मुझे लगता है कि मुझ पर हमला हो सकता है। इसलिए मुझे आत्मरक्षा के लिए मुझे मेरे लाइसेंसी रिवाल्वर की जरूरत है, जो कि लोकसभा चुनाव के कारण मेरा रिवाल्वर इस समय सिविल लाइंस पुलिस थाने में जमा है।

मामले में राजनीति शुरू
उन्होंने खुद पर हमले की आशंका जताते हुए अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर वापस करने की मांग की है। अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। कुरूद से बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि भूपेश बघेल ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस में स्लीपर सेल हैं। इसका मतलब है कि कांग्रेस एक आतंकी संगठन है। उस आतंकी संगठन से किसी को भी खतरा हो सकता है। रामकुमार शुक्ला के बयान में कहीं से भी अतिश्योक्ति नहीं है। कोई भी स्लीपर सेल वाला उनकी हत्या कर सकता है। प्रशासन को इस विषय पर ध्यान देना चाहिए।
भूपेश बघेल को प्रत्याशी बनाने का किया था विरोध
इससे पूर्व रामकुमार शुक्ला ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखकर भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने का विरोध किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम भूपेश के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उन पर महादेव एप केस में एफआईआर होने से कांग्रेस की फजीहत हुई है। इस वजह से कई कांग्रेस नेता और अधिकारी जेल में हैं। इसका असर ना केवल राजनांदगांव बल्कि सभी सीटों पर पड़ सकता है।

सुरेंद्र वैष्णव ने भी मांगी है सुरक्षा
दूसरी ओर भूपेश बघेल के खिलाफ राजनांदगांव में उनके ही सामने मंच पर पूर्व कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोलने वाले सुरेंद्र वैष्णव ने भी अपने और अपने परिवार पर हमला होने की आशंका जताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांगी की थी। उन्होंने बघेल के सामने कहा था कि जब कांग्रेस की सरकार थी जब कार्यकर्ता आप से मिलने के लिए तरस जाते थे। कार्यकर्ताओं का कोई काम नहीं होता था। अब जब आप सत्ता में नहीं हैं तब आप से मिलना हो रहा है।

अरुण सिसोदिया ने मचाई थी खलबली
वहीं तीसरी ओर कांग्रेस के पूर्व महामंत्री अरुण सिसोदिया को उनके संगठन विरोधी कृत्य के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। उन पर अनुशासनहीनता और कांग्रेस की छवि धूमिल का आरोप लगा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उन्हें नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा था और उन्होंने जवाब दिया भी था।

जानिए, क्या लिखा था खत में
एआईसीसी सदस्य अरुण सिसोदिया ने सार्वजनिक तौर पर कोष में अनियमितता का आरोप लगाया था। उनके बयान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बवाल मच गया था। उन्होंने कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सलाहकार विनोद वर्मा को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा था। इस खत में आर्थिक गड़बड़ी को उजागर करते हुए आरोप लगाये थे। सबंधित नेताओं पर जांच के बाद कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि दो महीने पहले पार्टी फंड में अनियमितता का मामला सामने आया था, जिसकी जांच के बाद मैंने ये खत लिखा है।

सिसोदिया ने लेटर में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि रामगोपाल अग्रवाल और विनोद वर्मा के बेटे की कंपनी को 5 करोड़ 89 लाख रुपए का भुगतान करने से पार्टी को नुकसान हुआ है। इस पैसे का दुरुपयोग किया गया है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा था कि ‘मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं, पार्टी में अगर सच बोलना बगावत है, तो मैं बागी हूं। अगर पार्टी कार्रवाई करती है, तो मैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत के साथ खड़ा हूं।