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भाजपा में शामिल होंगे भूपेश बघेल? प्रेस कांफ्रेस के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कह दी ये बड़ी बात

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भाजपा ने मान लिया कि वो राजनांदगांव सीट हार रही है इसीलिएराजनीति से प्रेरित एफ़आईआर दर्ज की गई – भूपेश बघेल

रायपुर –  महादेव सट्टा मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की है। इसे लेकर उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया है। उन्होंने इस FIR को राजनीतिक द्वेष बताते हुए कहा कि राजनांदगांव में BJP हार रही है, इसलिए ऐसा किया गया है। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान BJP में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को ऑफर करने की हिम्मत BJP में नहीं है।

पूर्व सीएम ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले महादेव एप का जिन्न फिर बाहर आया है। दिल्ली से आज खबर आई है कि महादेव एप मामले में ईओडब्लू ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें मेरा भी नाम है। एफआईआर की कापी में चार मार्च की तारीख दर्ज है और यह 17 तारीख को प्रकाशित हुई। नियमों के मुताबिक एफआईआर की कापी को तुरंत वेबसाइट में पोस्ट किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

 प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भूपेश बघेल ने पीएम मोदी और सीएम विष्णुदेव साय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन में महादेव सट्टा साय साय चल रहा है। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में BJP हार रही है, इसलिए FIR हुई है। मैं इन गीदड़ भभकियों से डरने वाला नहीं हूं। महादेव ऐप वाले से सेटिंग तो नहीं हुई है? फ्यूचर गेमिंग कंपनी से भाजपा ने चंदा ली है।

लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड-सीएम बघेल 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉक्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ‘झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाजा खोलने जैसा है। झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था, इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।’ बघेल ने लिखा है, ”कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की लेकिन इसके पीछे के बड़े राजनीतिक षडयंत्र की जांच किसी ने नहीं की। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जांच शुरू की तो एनआईए ने इसे रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।” उन्होंने लिखा है, ”आज रास्ता साफ़ हो गया है। अब छत्तीसगढ़ पुलिस इसकी जांच करेगी। किसने किसके साथ मिलकर क्या षड्यंत्र रचा था। सब साफ हो जाएगा। झीरम के शहीदों को एक बार फिर श्रद्धांजलि।”

हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी खारिज की याचिका

बाद में दरभा पुलिस थाने में 26 मई, 2020 को इस घटना के संबंध में आपीसी की धारा 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक षड़यंत्र) के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता उदय मुदलियार के पुत्र जितेंद्र मुदलियार ने हमले में साजिश की आशंका जताते हुए जांच की मांग की थी। इसके बाद एनआईए ने जगदलपुर की विशेष (एनआईए) अदालत में एक आवेदन दायर कर बस्तर पुलिस को ताजा प्राथमिकी में जांच आगे नहीं बढ़ाने और दूसरी प्राथमिकी से संबंधित सभी दस्तावेज केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का निर्देश जारी करने का अनुरोध किया था। विशेष अदालत ने 2020 में एनआईए के आवेदन को खारिज कर दिया था जिसके बाद एजेंसी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने भी पिछले वर्ष एनआईए की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। (इनपुट-एजेंसी)