Home छत्तीसगढ़ स्कूलों में बच्‍चे करेंगे अब ‘न्योता भोजन’, सामाजिक संगठन कर सकेंगे योगदान,...

स्कूलों में बच्‍चे करेंगे अब ‘न्योता भोजन’, सामाजिक संगठन कर सकेंगे योगदान, दानदाता होंगे सम्मानित

52
0

रायपुर – प्रदेश के स्कूलों में अब न्योता भोजन का आयोजन होगा. जिसमें मध्यान भोजन की जगह अब छात्रों को विशेष पकवान परोसे जा सकेंगे. इसके अंतर्गत आम व्यक्ति सामान्य स्कूलों में छात्रों को खाना खिला सकेंगे. छात्रों से पूछकर मेन्यू तैयार किया जाएगा. सामुदायिक भागीदारी को जोर देने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने ये पहल की है. इस संबंध में विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है.

बता दें कि न्योता भोजन की अवधारणा, मूल रूप से भारत सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण की गाईडलाईन में उल्लेखित तिथि भोजन से लिया गया है. जो कि सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है. ये विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परंपरा पर आधारित है. छत्तीसगढ़ में भोजन के लिए आमंत्रित करने को न्योता कहा जाता है. इसी आधार पर छत्तीसगढ़ राज्य में तिथि भोजन को न्योता भोजन’ के नाम से लागू किया जा रहा है.

समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों / त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन दे कर सकते हैं. यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग या कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं. विभाग की ओर से जारी आदेश में विशेष उल्लेख किया गया है कि ‘न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है’. बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किये जाने वाले भोजन का पूरक है’.

दानदाता होंगे सम्मानित

समुदाय में ऐसे दान दाताओं की पहचान की जा सकती है, जो रोटेशन में माह में कम से कम एक दिन शाला में ‘न्योता भोजन’ करा सके। दानदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें शाला की प्रार्थना सभा व वार्षिक दिवस में सम्मानित किया जाए। भोजन दान की प्रकृति को महादान के रूप में प्रचारित किया जाना चाहिए, जिसमें पूरे विद्यालय अथवा किसी कक्षा विशेष के बच्चों को ‘न्योता भोजन’ कराया जाता है। ‘न्योता भोजन’ की घोषणा प्रार्थना के दौरान की जाए। घोषणा में दान-दाता के नाम की भी घोषणा की जा सकती है व उन्हें आमंत्रित किया जा सकता है।