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प्राण प्रतीछा – समारोह से पहले अयोधया हुआ छावनी में तब्दील, 13 हजार जवान रख रहे नजर

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इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। अयोध्या में कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।

अयोध्या – अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कुछ ही घंटे का समय बचा हुआ है। इस ऐतिहासिक समारोह के लिए अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अयोध्या में बहुत स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसे सुरक्षा व्यवस्था में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिससे लोगों की हर एक गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। सैंकड़ों की तादाद में पुलिसकर्मी भी सादे कपड़ों में तैनात किए गए हैं ताकि वह किसी अलग गतिविधि पर नजर रख सकें। भगवान राम की नगरी अयोध्या के धर्मपथ और रामपथ से लेकर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं हनुमानगढ़ी इलाके की गलियों और अशर्फी भवन रोड तक, पुलिसकर्मियों को सड़कों पर गश्त करते देखा जा सकता है।

एहतियात के तौर पर उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता यानी एटीएस की टीम ने भी शनिवार को अयोध्या में गश्त की थी। सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या के हर प्रमुख चौराहे पर कंटीले तारों के साथ बैरियर लगाए गए हैं। इन बैरियर का उपयोग पुलिसकर्मी यातायात को नियंत्रित करने के लिए करते हैं। उप्र के पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने हाल में कहा था कि 22 जनवरी को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा समारोह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होने जा रहा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस ने संपूर्ण क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और इसके साथ ही हर सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। अयोध्या में कार्यक्रम स्थल पर बेहतर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुमार ने कहा, इसके लिए पूरे अयोध्या जिले में 10,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

इनमें से कुछ सीसीटीवी कैमरों में हम एआई-आधारित तकनीक का उपयोग कर रहे हैं ताकि हम यात्रियों पर कड़ी निगरानी रख सकें। कार्यक्रम स्थल पर सादे लिबास में बहुभाषी दक्ष पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों की मदद से सरयू नदी के किनारे भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा, हम अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमा पर जांच चल रही है। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने और अतिरिक्त भीड़ को हटाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेगी। इसके पहले अयोध्या में ड्रोन की तैनाती के बारे में विस्तार से बताते हुए सुरक्षा मुख्यालय के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव बंसवाल ने बताया था कि वहां एक एंटी-ड्रोन प्रणाली स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आसपास उड़ने वाले किसी भी अनधिकृत ड्रोन का पता लगाना है, जो तुरंत इसके टेक-ऑफ और गंतव्य बिंदु को बताएगा। एसपी ने कहा, इसकी खासियत यह है कि यह किसी भी ड्रोन को आसानी से अपने नियंत्रण में ले सकता है, जिससे इसका रिमोट रखने वाले व्यक्ति का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रह जाएगा। यह (अवांछित ड्रोन) तब हमारे नियंत्रण में होगा और हम इसे जहां चाहें वहां उतार सकते हैं।