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नहीं रहे ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’ फेम सिंगर अनूप घोषाल, 77 साल की उम्र में हुआ निधन

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 तुझसे नाराज नहीं जिंदगी फेम सिंगर अनूप घोषाल अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 77 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. अनुप के निधन से उनके परिवार और तमाम फैंस और फ्रेंड्स सदमे में हैं.

मुंबई – बेहद फेमस सिंगर और कंपोजर अनूप घोषाल का शुक्रवार को निधन हो गया. उनकी उम्र 77 साल थी.वे उम्र संबंधी बीमारियो से पीड़ित थे और कईं दिनों से अस्पताल में भर्ती थे और बीते दिन उन्होने हमेशा के लिए इस दुनिया को अलविदा कह दिया. अनुप के निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई हैं. तमाम फैंस और सेलेब्स सिंगर को सोशल मीडिया पर श्रद्धांजली दे रहे हैं.

अनूप घोषाल का मल्टी ऑर्गेन फेल्योर की वजह से हुआ निधन
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनूप घोषाल पिछले कई दिनों से उम्र संबंधी बीमारियों के कारण साउथ कोलकाता के एक प्राइवे अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली और दोपहर 1.40 बजे मल्टी ऑर्गन फेल्योर के कारण उनका निधन हो गया. उनकी दो बेटियां हैं.

सीएम ममता बनर्जी ने भी अनूप घोषाल के निधन पर जताया शोक
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अनूप घोषाल के निधन पर शोक व्यक्त किया.मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा, ”बंगाली, हिंदी और अन्य भाषाओं में गाने वाले अनूप घोषाल के निधन पर मैं गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करती हूं.”

अनुप घोषाल ने संगीत की दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी है, उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उत्तरपाड़ा सीट से 2011 का विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़कर राजनीति में भी कदम रखा था.

अनूप घोषाल ने हिंदी-बंगाली सहित कईं भाषाओं में गाए थे गाने
अनूप घोषाल एक बेहद पॉपुलर सिंगर थे. उनका जन्म 1945 में अमूल्य चंद्र घोषाल और लाबन्या घोषाल के घर हुआ थ.  उन्होंने 4 साल की उम्र में संगीत की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी और उन्होंने पहली बार ऑल इंडिया रेडियो, कोलकाला से बच्चों के कार्यक्रम शिशु महल के लिए गाना गाया था. उनकी बहुमुखी प्रतिभा काज़ी नज़रूल इस्लाम, रवीन्द्रनाथ टैगोर और आधुनिक बंगाली गीतों में प्रदर्शित हुई.

उनके लोकप्रिय हिंदी गानों में फिल्म ‘मासूम’ से ‘तुझसे नाराज नहीं जिंदगी’, ‘हुस्न भी आप हैं, इश्क भी आप हैं’ और ‘शीशे का घर से तुम साथ हो जिंदगी भर के लिए’ शामिल हैं. एक प्लेबैक सिंगर के रूप में, वह सत्यजीत रे की गूपी गाइन बाघा बायने, हिरक राजार देशे, गूपी बाघा फिरे एलो, फुलेश्वरी, निमन्त्रन सहित अन्य से जुड़े रहे थे. सिर्फ हिंदी और बंगाली ही नहीं, उन्होंने कईं अन्य भारतीय भाषाओं में भी गाने गाए थे.