छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार समाप्त होने से दो दिन पहले से ही ईडी बम फूट पड़ा। भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों ने भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस की घेराबंदी तेज कर दी है।
रायपुर – छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार समाप्त होने से दो दिन पहले से ही ईडी बम फूट पड़ा। दरअसल, आनलाइन सट्टा महादेव एप को लेकर की गई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई के बाद सरकार से जुड़े लोगों पर 508 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगा है। इसके बाद अब दूसरे चरण का चुनाव प्रचार ईडी के आसपास सिमट गया है। भाजपा की ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों ने भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस की घेराबंदी तेज कर दी है।
चुनावी सभाओं में दोनों ही पार्टियां ईडी की कार्रवाई को लेकर ही आमने-सामने दिख रही हैं। सभाओं में पक्ष-विपक्ष के नेता घोषणा पत्र का कम बल्कि ईडी की पूर्व में की गई कार्रवाई के साथ सत्ता से जुड़े लोगों पर 508 करोड़ रुपये लिए जाने के आरोप को लेकर ही बात कर रहे हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी मोर्चा संभाल रखा है
आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज
ईडी को लेकर प्रदेश में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो गया है। छह नवंबर को छत्तीसगढ़ के कोंडागांव विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि अभी तक कांग्रेस का रिमोट इटली के हाथ में था और अब पता चला कि एक रिमोट दुबई में भी है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में दुबई के माध्यम से कथित रूप से आनलाइन सट्टा का खेल चलाने का आरोप लगाया था। वहीं, कांग्रेस के आयोग में शिकायत करने के बाद बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि भाजपा को हार से बचाने के लिए मोदी सराकर ईडी कार्रवाई कर रही है, लेकिन भाजपा ईडी का सहारा लेकर भी राज्य में अपनी जीत सुनिश्चित नहीं कर पाएगी।
आयोग पहुंची कांग्रेस
मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस ने भी निर्वाचन आयोग का रुख किया। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ईडी की कार्रवाई रोकने के लिए तत्काल प्रभाव से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कांग्रेस ने मोदी सरकार के इशारे पर ईडी की कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में भ्रष्टाचार बना मुद्दा
भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी भ्रष्टाचार विरोधी जीरो टालरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोग गठित करने, भ्रष्टाचार शिकायत निवारण व निगरानी रखने के लिए वेबपोर्टल निर्मित करने और प्रत्यक्ष कार्रवाई के लिए भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री कार्यालय में एक सेल का गठन करने की घोषणा की है।
ईडी पर मुखर हुए पीएम मोदी और खरगे
महादेव एप को लेकर जारी सियासी महाभारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वयं मोर्चा संभाल रखा है। सात नवंबर को छत्तीसगढ़ के सूरजपुर पहुंचे मोदी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बघेल की सरकार ने भरोसा तोड़ा है। उन्होंने महादेव को भी नहीं छोड़ा। सीएम कार्यालय सट्टेबाजों का अड्डा बना हुआ है।
वहीं नौ नवंबर को छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बैकुंठपुर में एक चुनावी रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने कहा है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी के उम्मीदवार, भाजपा के तीन उम्मीदवार ईडी, सीबीआइ और आयकर विभाग से चुनाव लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री बघेल ने भी ईडी-भाजपा के आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति भाजपा में जाता है उसके दाग धुल जाते हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि यह चुनाव में उनकी सरकार को बदनाम करने का प्रयास मात्र है। बघेल इसे भाजपा व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह व उनके करीबी अधिकारियों द्वारा प्रायोजित षड्यंत्र बता रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा, जब भी आरोप सिद्ध होने लगते हैं, तब मुद्दे को भटकाने के लिए कांग्रेस कभी किसी अधिकारी और कभी किसी व्यापारी का नाम लेकर सामने आ जाती है। घोटाले, भ्रष्टाचार पर ईडी-आइटी नहीं आएगी तो क्या उनको भारत रत्न के लिए आमंत्रण आएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, रमन सिंह के साथ पहले दो अधिकारी थे, वह अदाणी के संपर्क में है। वही लोग स्टोरी प्लान कर रहे हैं और इसी हिसाब से कार्रवाई हो रही है। बदनाम करने की साजिश और गिरफ्तारी भी चल रही है। ईडी-आइटी के माध्यम से चुनाव लड़ा जा रहा है।