रायपुर – छत्तीसगढ़ के पारंपरिक ‘तीजा- पोरा पर्व’ के अवसर पर हर वर्षाे की तरह इस वर्ष भी 14 सितम्बर को दोपहर 11 बजे से मुख्यमंत्री निवास में भव्य उत्सव का आयोजन किया जाएगा. इसके लिए यहां जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. तीन दिनों तक चलने वाले पारंपरिक तीजा- पोरा पर्व का उत्साह पूरे छत्तीसगढ़ में अब जोरों पर दिखाई पड़ रहा है. बाजारों में रौनक है और तिजहरिन माता-बहनें, किसान भाई और आम जन इस त्यौहार को पूरे उत्साह के साथ मनाने हेतु तैयारियों में जुटे हुए हैं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बघेल ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति के महत्वपूर्ण पर्वों को अपने निवास में मनाने की शुरूआत की है. इसी कड़ी में तीजा-पोरा पर्व की तैयारियां मुख्यमंत्री निवास में की जा रही है. आज रात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की धर्मपत्नि मुक्तेश्वरी बघेल ने स्वयं पर्व की तैयारियां का जायजा लिया. इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया और छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक भी उपस्थित थीं.
ठेठ पारंपरिक अंदाज में मुख्यमंत्री निवास के प्रांगण को सजाया जा रहा है. यहां का पूरा माहौल उत्सव के अनुरूप रंग- बिरंगा और हमारी छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक दिखाता हुआ नजर आ रहा है. साज-सज्जा में नंदी बैल के मॉडल इस प्रांगण में जगह- जगह सजे नजर आ रहे हैं, जो समृद्धि और खुशहाली का एहसास दिला रहे हैं. सूपा और टोकनी पर रंगों की खूबसूरत कारीगरी के साथ इन्हें जगह-जगह बेहद निराले अंदाज में सजाया गया है. रंग-बिरंगे तोरण और पारंपरिक कलाकारी, उत्सव की थीम के अनुरूप यहां की खूबसूरती को बढ़ा रही है. मुख्यमंत्री निवास का माहौल ठेठ छत्तीसगढ़िया तीजा- पोरा वाला दिखाई पड़ रहा है.
निवास में उमड़ भीड़…
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल निवास में आयोजित तीजा पोरा तिहार में सपरिवार शामिल होने पहुंचे सभी का अभिवादन स्वीकारा और तीजा-पोरा तिहार की बधाई दीविभिन्न क्षेत्रों से समूह में आई महिलाएं उत्साह के साथ शामिल हुए।इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति पर महिलाओं ने नृत्य कर कार्यक्रम में नया जोश भर दिया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को पोला तिहार की दी बधाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों विशेष रूप से किसान भाइयों को पारंपरिक पोला तिहार की बधाई और शुभकामनाएं दी है. इस अवसर पर उन्होंने सभी नागरिकों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की है. पोरा तिहार की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में बघेल ने कहा है कि पोला तिहार छत्तीसगढ़ की परम्परा, संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा पर्व है. यह हमारे जीवन में खेती-किसानी और पशुधन का महत्व बताता है. इस दिन घरों में उत्साह से बैलों और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होनेे के लिए प्रार्थना की जाती है.
बघेल ने कहा कि तीज-त्यौहार हमारी संस्कृति और परम्पराओं का संवाहक होते हैं. यह हमारी धरोहर को अगली पीढ़ी तक पहुंचाते हैं. पोला के दिन मिट्टी के बर्तन और बैलों से खेलकर बच्चे अनजाने ही अपनी मिट्टी और उसके सरोकारों को जुड़ते चले जाते हैं. बघेल ने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि आने वालीे पीढ़ियों को अपनी समृद्ध संस्कृति का परिचय कराएं और उसके संरक्षण और संवर्धन का प्रयास करें.