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मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, अधीर रंजन लोकसभा से निलंबित; PM ने विपक्ष को लताड़ा

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नई दिल्ली – मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए पीएम मोदी सदन में पहुंचे। उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुझे 20 साल हो गए हैं इस संसद में, लेकिन ऐसा दृश्य मैंने 2 दशक में नहीं देखा है। प्रधानमंत्री के प्रति जो शब्द इस्तमाल किए गए हैं विपक्ष के द्वारा, मैं मानता हूं कि सदन के सामने नहीं, लेकिन देश की जनता के सामने माफी मांगनी चाहिए

अधीर रंजन चौधरी लोकसभा से निलंबित
अधीर रंजन चौधरी के बयान को लेकर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आपत्ति जताई। उन्होंने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कांग्रेस सांसद को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने तक अधीर रंजन को निलंबित किया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ने जोशी के प्रस्ताव पर मतदान कराया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। 

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा

लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने विपक्ष को जमकर लताड़ा।

पीएम मोदी कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर साधा निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 5 मार्च 1966 को कांग्रेस ने अपनी वायु सेना से मिजोरम में असहाय नागरिकों पर हमला करवाया। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि क्या यह किसी अन्य देश की वायु सेना थी। क्या मिजोरम के लोग मेरे देश के नागरिक नहीं थे? क्या उनकी सुरक्षा भारत सरकार की जिम्मेदारी नहीं थी?

पीएम बोले- हमारी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट को प्राथमिकता दी

पीएम मोदी ने कहा कि इनकी पीड़ा, संवेदना सेलेक्टिव है। इनकी सभी बातें राजनीति से शुरू होती है,राजनीति पर खत्म होती है। इन्हें राजनीति के अलावा कुछ नहीं सूझता। मणिपुर में छह साल से जो सरकार है, वह समस्या का हल ढूढ रही है। पहले तो आए दिन बंद होता था, कर्फ्यू लगता था। अब सरकार उसका समाधान खोज रही है। नॉर्थ ईस्ट जिस प्रकार से साउथ एशिया का विकास हो रहा है। हमारा नॉर्थ ईस्ट विकसित होने जा रहा है, इस विकास का केंद्र बिंदू बनने जा रहा है।  इसलिए हमारी सरकार ने नॉर्थ ईस्ट को प्राथमिकता दी है। नौ सालों में हमने पूर्वोत्तर के लिए अहम काम प्राथमिकता के साथ किया है।

सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है

उन्होंने कहा कि यहां सदन में मां भारती के बारे में जो कहा गया है, उसने हर भारतीय की भावना को गहरी ठेस पहुंचाई है। मुझे नहीं पता कि क्या हो गया है। सत्ता के बिना ऐसा हाल किसी को हो जाता है। सत्ता सुख के बिना जी नहीं सकते? क्या भाषा बोल रहे हैं? पता नहीं क्यों कुछ लोगों को भारत की मां की मृत्यु की कामना करते देखा गया, इससे बड़ा दुख क्या होगा। ये लोग कभी लोकतंत्र की, कभी संविधान की हत्या की बात करते हैं। दरअसल, जो इनके मन में है, वही उनके कृतित्व में सामने आ जाता है। मैं हैरान हूं। ये बोलने वाले कौन लोग हैं, देश भूल गया है। क्या विभाजन की पीड़ा हम भूल गए? उन चीखों को लेकर आज भी वह हमारे सामने आता है। वह लोग जिन्होंने मां भारती के तीन-तीन टुकड़े कर दिए, वह भी तब जब मां भारत की बेड़ियों को काटना था, तब इन्होंने मां भारती की भुजाएं काट दीं। ये लोग किस मुंह से ऐसा बोलने की हिम्मत करते हैं? ये वो लोग हैं, जिस वंदे मातरम गीत ने देश के लिए मर-मिटने की प्रेरणा दी थी। हिंदुस्तान के हर कोने में वंदे मातरम चेतना का स्वर बन गया था, इन्होंने वंदे मातरम गीत के भी टुकड़े कर दिए। ये वो लोग हैं, जो भारत तेरे टुकड़े होंगे गैंग को बढ़ावा देते हैं। ये उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो कहते हैं कि सिलीगुड़ी के पास जो कॉरिडोर हैं, उसे काट दें, तो पूर्वोत्तर अलग हो जाएगा। 

जो बाहर गए, उन्हें पूछें कि कच्छतीवु कहां हैं, उनसे पूछिए। ये द्रमुक वाले मुझे चिट्ठी लिखते हैं कि मोदी जी उसे वापस ले आइए। तमिलनाडु से आगे और श्रीलंका से पहले यह टापू किसने किसी देश को दे दिया था? तब यह टापू मां भारती का अंग नहीं था? कौन था उस समय? श्रीमती इंदिरा गांधी के नेतृत्व में यह हुआ था। कांग्रेस का इतिहास मां भारती को छिन्न-भिन्न करने का रहा है। कांग्रेस का प्रेम क्या रहा है? एक सच्चाई बड़े दुख के साथ इस सदन के सामने रखना चाहता हूं। यह पीड़ा वह नहीं समझ पाएंगे, मैं चप्पे-चप्पे पर घुमा हुआ व्यक्ति हूं। मेरा इमोशनल अटैचमेंट है वहां के प्रति। मैं तीन प्रसंग आपके सामने रखना चाहता हूं।

‘मणिपुर चर्चा हो सकती थी, लेकिन इन्होंने झूठ फैला रखा है’

‘अगर इन्होंने मणिपुर पर चर्चा की गृह मंत्री की बात पर सहमति दिखाई देती थी तो विस्तृत चर्चा हो सकती थी। विस्तार से जब इन्होंने बात रखी तो पता चला कि ये लोग कैसा झूठ फैलाते हैं, कितना पाप फैला रखा है। मणिपुर की स्थिति पर देश के गृह मंत्री ने बड़े धैर्य से और राजनीति के बिना सारे विषय को विस्तार से समझाया। उसमें देश की जनता को जागरूक करने का प्रयास था। मणिपुर की समस्या के लिए रास्ते खोजने का प्रयास था।’

मणिपुर पर अदालत का फैसला आया। अब अदालतों में क्या हो रहा है, ये हम जानते हैं। उसके पक्ष-विपक्ष में स्थिति बनी। कई परिवारों को मुश्किल हुई। महिलाओं के साथ गंभीर अपराध हुए। यह अपराध अक्षम्य है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने के लिए हम भरपूर प्रयास कर रहे हैं। जिस प्रकार से प्रयास चल रहे हैं, निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा। मणिपुर फिर एक बार नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ेगा। मैं मणिपुर के लोगों से भी आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं। वहां की माताओं, बहनों, बेटियों से कहना चाहता हूं- देश आपके साथ है। यह सदन आपके साथ है। हम सब मिलकर इस चुनौती का समाधान निकाल लिया, वहां शांति की स्थापना होगी। मणिपुर फिर विकास की राह पर तेज गति से आगे बढ़ेगा। प्रयासों में कोई कसर बाकी नहीं रहेगी। 

प्रधानमंत्री ने कहा- नई दुकान पर कुछ दिनों में ताला लग जाएगा

‘जिन लोगों ने गमले में कभी मूली नहीं उगाई, वो खेतों को देखकर हैरान होने ही हैं। जिन्होंने हमेशा गाड़ी का शीशा डाउन करके दूसरों की गरीबी देखी है, उन्हें सब हैरान करने वाला लग रहा है। इन लोगों को पता है कि इनकी नई दुकान पर कुछ दिनों में ताला लग जाएगा। आज इस चर्चा के बीच देश के लोगों को मैं बड़ी गंभीरता के साथ इस घमंडिया गठबंधन की आर्थिक नीति से भी सावधान करना चाहता हूं। ये घमंडिया गठबंधन ऐसी अर्थव्यवस्था चाहता है कि देश कमजोर हो। जिन आर्थिक नीतियों पर ये आगे बढ़ना चाहते हैं, जिस तरह खजाना लुटाकर वोट पाने का खेल खेल रहे हैं, आप आसपास के देशों में देख लीजिए। हमारे देश के राज्यों में भी इसका असर हो रहा है। चुनाव जीतने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं। देशवासियों को सत्य समझाना चाहता हूं कि ये लोग भारत के दीवालिया होने की गारंटी है। ये अर्थव्यवस्था को डुबाने की गारंटी है। यह डबल डिजिटल महंगाई की गारंटी है। ये पॉलिसी पैरालिसिस की गारंटी है। तुष्टीकरण की गारंटी है। मोदी देश को गारंटी देता है कि तीसरे कार्यकाल में देश को तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनाएंगे। लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता, वो सुनाने को तैयार होते हैं, लेकिन सुनने का धैर्य नहीं होता। अपशब्द बोलो, भाग जाओ। कूड़ा-कचरा फेंक भाग जाओ। झूठ फैलाओ, भाग जाओ।’

विपक्षी दलों ने वॉकआउट किया

पीएम मोदी के संबोधन के बीच विपक्षी दलों ने वॉकआउट कर दिया। इस पीएम ने कहा कि ये लोग सुनाने में तो विश्वास रखते हैं, लेकिन सुनने की क्षमता नहीं रखते।

राहुल पर तंज- इनके दिमाग का हाल देश लंबे समय से जानता है

‘कुछ बातें समय पर कहने का अवसर मिलता है। इत्तेफाक देखिए। कल यहां दिल से बात करने की बात कही गई थी। उनके दिमाग के हाल को तो देश लंबे समय से जानता है, लेकिन अब उनके दिल का भी पता चल गया। इनका मोदी प्रेम तो इतना जबर्दस्त है कि चौबीसों घंटे सपने में मोदी आता है। अगर पानी पी लें तो कहते हैं कि मोदी को पानी पिला दिया। अगर मैं कड़ी धूप में भी चल पड़ता हूं और पसीना पोंछ देता हूं तो कहते हैं कि मोदी को पसीना ला दिया। इनके जीने का सहारा देखिए। एक गीत की पंक्ति है- डूबने वाले को तिनके का सहारा ही बहुत, दिल बहल जाए फकत इतना कि सारा ही बहुत, इतने पर भी आसमां वाला गिरा दे बिजलियां, कोई बतला दे जरा ये डूबता फिर क्या करे। मैं कांग्रेस की मुसीबत समझता हूं। इनकी लूट की दुकान है, झूठ का बाजार है। इसमें नफरत है, घोटाले हैं, तुष्टीकरण है, मन काले हैं, परिवारवाद के हवाले देश दशकों से हवाले है। तुम्हारी दुकान ने इमरजेंसी बेची है, बंटवारा बेचा है, सिखों पर जुल्म बेचे हैं। शर्म करो नफरत की दुकान वालों, तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है।’

PM बोले- कई राज्य कह रहे- कांग्रेस, नो कॉन्फिडेंस

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस अपने घमंड से इतनी चूर हो गई है कि उसे जमीन दिखाई तक नहीं देती। 61 वर्षों से तमिलनाडु के लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस नो कॉन्फिडेंस। पश्चिम बंगाल में उन्हें आखिरी बार 1972 में मिली थी, वे 51 साल से कह रहे हैं कांग्रेस नो कॉन्फिडेंस। उत्तर प्रदेश, गुजरात के लोग 38 साल से कांग्रेस को कह रहे हैं- नो कॉन्फिडेंस। त्रिपुरा के लोग 35 वर्षों से यही कह रहे हैं। ओडिशा में कांग्रेस को आखिरी बार 1995 में जीत मिली थी, यानी 28 वर्षों से कांग्रेस को एक ही जवाब मिल रहा है- कांग्रेस नो कॉन्फिडेंस। नगालैंड के लोग भी 25 वर्षों से यही कह रहे हैं। जनता ने कांग्रेस के प्रति बार-बार नो कॉन्फिडेंस घोषित किया है।’

पीएम ने कहा- मैग्नेटिक पावर इनके पास है

पीएम ने कहा कि कश्मीर दिन-रात जल रहा था, लेकिन कांग्रेस को कश्मीर के आम नागरिकों पर नहीं, हुर्रियत पर विश्वास करते थे। भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल स्ट्राइक किया, एयर स्ट्राइक किया। इन्हें भारत की सेना पर भरोसा नहीं था, दुश्मन के दावों पर भरोसा था। दुनिया में कोई भारत पर अपशब्द कहे, तुरंत उसे पकड़ लेते हैं। ऐसी मैग्नेटिक पावर इनके पास है। भारत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देते हैं। मिट्टी के ढेले जितनी भी जिसकी कीमत न हो, ऐसी बातों को तवज्जो देना कांग्रेस की फितरत रही है।

भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इनको (विपक्ष) भारत के सामर्थ्य पर विश्वास नहीं है। इनको भारत के लोगों पर विश्वास नहीं है। लेकिन इस सदन को बताना चाहता हूं कि इस देश का भी, भारत के लोगों का कांग्रेस के प्रति अविश्वास का भाव बहुत गहरा है। कांग्रेस अपने घमंड में इतनी चूर हो गई है कि उसे ज़मीन नहीं दिखाई दे रही है।

आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ ही दिन पहले बंगलुरू में आपने मिल-जुलकर करीब 1.5-2 दशक पुराने UPA का क्रिया कर्म किया है, उसका अंतिम संस्कार किया है। लोकतांत्रित व्यवहार की मुताबिक मुझे आप लोगों को सहानुभूति व्यक्त करनी चाहिए थी।

उन्होंने कहा कि मैंने संवेदना व्यक्त नहीं की क्योंकि आप लोग जश्न मना रहे थे। जश्न क्यों मना रहे थे क्योंकि आप लोग खंडहर पर प्लास्टर लगा रहे थे। दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को EV दिखाने के लिए कितना बड़ा मजबा लगाया था। आप (विपक्ष) जिसके पीछे चल रहे हैं उनको इस देश की ज़ुबान, इस देश के संस्कार की समझ नहीं है। पीड़ी दर पीड़ी यह लोग लाल और हरी मिर्च में अंतर नहीं समझ पाए।

पीएम मोदी बोले- इनका पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि उनकी बातों पर भरोसा कर लेते थे

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1990 में देश कंगाल होने की स्थिति में था। कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में अर्थव्यवस्था 10, 11, 12 नंबर पर झूलती रही। लेकिन अब हमने शीर्ष-पांच में अपनी जगह बनाई। कांग्रेस के लोगों को लगता होगा कि ये जादू की छड़ी से हुआ है। मैं बताना चाहता हूं कि कठोर परिश्रम, निश्चित योजना और सुधारों, परिश्रम की पराकाष्ठा से हुआ है। 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे, तब देश तीसरे नंबर पर होगा, यह हमारा विश्वास है। हमारे विपक्ष के मित्रों की फितरत में ही अविश्वास भरा पड़ा है। हमने लाल किले से स्वच्छ भारत अभियान का आह्वान किया, लेकिन उन्होंने कहा कि कैसे हो सकता है, गांधी जी भी कहकर गए थे। हमने मां-बेटी को खुले में शौच पर जाने की मजबूरी से मुक्त करने के लिए शौचालयों पर जोर दिया, तब इन्होंने कहा कि क्या लाल किले से ऐसे विषय बोले जाते हैं? जनधन खाते के समय भी ऐसा ही कहा। हमने योग, आयुर्वेद की बात की तो उसका भी मखौल उड़ाया। कांग्रेस पार्टी और उनके दोस्तों का इतिहास रहा है कि उन्हें भारत पर और भारत के सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं रहा। ये विश्वास किस पर करते थे? इनका पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि उनकी बातों पर भरोसा कर लेते थे। पाकिस्तान कहता था कि हमले और बातचीत साथ चलेगी। ये मान लेते थे।

ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है…

पीएम ने कहा कि कुछ ही वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने वाला है। जब हम आने वाले पांच साल में इसका दावा करते हैं तो जिम्मेदार विपक्ष क्या करता? सवाल पूछता कि कैसे करेंगे, आपका रोडमैप बताइए। लेकिन अब ये भी मुझे ही सिखाना पड़ रहा है। या वे सुझाव भी दे सकते थे। या ये चुनाव में जाकर बताते कि हम तो एक नंबर पर ले आएंगे, लेकिन ये विपक्ष की त्रासदी है। कांग्रेस के लोग क्या कह रहे हैं? इतने साल सत्ता में रहने के बाद भी क्या अनुभवहीन बातें सुनने को मिलती हैं। ये कहते हैं कि कुछ करने की जरूरत नहीं है, ये तो ऐसे ही हो जाएगा। बिना कुछ किए तीसरे नंबर पर पहुंच जाएंगे। कांग्रेस की मानें तो सब अगर अपने आप हो जाना वाला है तो इसका मतलब है कि कांग्रेस के पास न नीयत, न नीति, न विजन, न वैश्विक अर्थव्यवस्था की समझ है।