छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अमर उजाला की खास पेशकश ‘विधायक जी कहिन’ कार्यक्रम में हम छत्तीसगढ़ के नामी-गिरामी राजनीतिक हस्तियों से सीधी बातचीत उन्हीं की जुबानी पेश करते हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर अमर उजाला की खास पेशकश ‘विधायक जी कहिन’ कार्यक्रम में हम छत्तीसगढ़ के नामी-गिरामी राजनीतिक हस्तियों से सीधी बातचीत पेश करते हैं। अपने पाठकों को प्रदेश के चुनावी हालात और सियासत से रू-ब-रू कराते हैं। सियासी समीकरणों और उठापटक से अवगत कराते हैं। इस कड़ी में आज हम छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से बीजेपी के सीनियर विधायक के साक्षात्कार को उन्हीं की जुबानी आपके सामने पेश कर रहे हैं।
सवाल: इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुद्दे क्या होंगे?
जवाब: देखिए मुद्दे ही मुद्दे हैं। इस सरकार ने पिछले साढ़े 4 साल में कोई भी विकास कार्य नहीं किया है। खाली भ्रष्टाचार, माफियाराज, शोषण, विकास को अवरुद्ध करना, जो मुद्दे हैं उनमें सरकार अपने आप में ही मुद्दा है। जिसके अधिकारियों के ऊपर, जिसके कार्यकर्ताओं के ऊपर, नेताओं के ऊपर में ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़ रहे हैं। सैकड़ों करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी जब्त की जा रही है। छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़िया, और छत्तीसगढ़ी बात करने वाले छत्तीसगढ़ का शोषण कर रहे हैं, यह जो पैसे जब्त हो रहे हैं। यह जो संपत्ति जब्त हो रही है। ये संपत्ति किसकी है? क्या छत्तीसगढ़िया की नहीं है? छत्तीसगढ़ की नहीं है? इस सरकार को घेरने के लिए और उखाड़ फेंकने के लिए मुद्दे ही मुद्दे हैं।
सवाल: बेरोजगारी भत्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी और पुरानी पेंशन योजना इन सब से बीजेपी कैसे पार पाएगी?
जवाब: देखिए, छत्तीसगढ़ में 18 लाख लोग रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। इन बेरोजगारों में से अभी तक 58 हजार लोगों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है, तो साढ़े 17 लाख तो सरकार को निपटाने का ही काम करेंगे। जो दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं, संविदा कर्मचारी हैं, सहायक शिक्षक, रसोईया संघ है, सभी सरकार के विरोध में हैं, तो केवल कुछ लोगों को झुनझुना दे देने से काम चलने वाला नहीं है। छत्तीसगढ़ की 90% जनता और सरकारी कर्मचारी सरकार के कामकाज से नाराज हैं। उन को सातवां वेतनमान, उनका टीए, डीए यह सब नहीं मिल रहा है। इससे सभी लोग नाराज हैं, जो पुरानी पेंशन योजना है, उस योजना का लाभ अभी वर्तमान कर्मचारियों को नहीं मिल रहा है। पुराने जो कर्मचारी हैं, उनको भी पेंशन नहीं मिल रहा है। जो वर्तमान कर्मचारी हैं, जो 7-8 साल बाद रिटायर होंगे, उनको मिलेगा, वह भी ये सरकार दे पाएगी कि नहीं। क्योंकि यह सरकार केवल झुनझुना दिखा रही है। इस सरकार के राज में किसी को कुछ नहीं मिलने वाला है।
सवाल: पिछड़े और आदिवासी वोटरों पर कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा मजबूत पकड़ बना चुकी है। यदि नहीं तो बीजेपी की क्या रणनीति होगी?
जवाब: ऐसा है कि वह तो पकड़ नहीं बनाई है, उससे तो सब नाराज हैं। आज की तारीख में छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीनों से भर्तियां बंद हैं। नौजवान, बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। आरक्षण के नाम पर सब को बेवकूफ बनाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट में मामला पेंडिंग है । आरक्षण का विधेयक राज्यपाल ने लाया था। क्या बीजेपी ने लाया था? भूपेश बघेल ने लाया था, तो ये उनकी जिम्मेदारी है, उस विधेयक के आधार पर वह लोगों को आरक्षण दें और यदि नहीं देंगे तो आदिवासी वर्ग भी उन्हें सबक सिखाएगा। पिछड़ा वर्ग भी सबक सिखाएगा और अनुसूचित जनजाति वर्ग भी सबक सिखाएगा।
सवाल: छत्तीसगढ़ में बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर लगातार कमजोर होती दिख रही है। ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस ने इसे हाईजैक कर लिया है?
जवाब: देखिए ऐसा कुछ नहीं है। हिंदुत्व जो है वह कोई मुद्दा नहीं है। यह तो इस देश की साक्षात संस्कृति है। लोगों का जीवन जीने का तरीका है। जो कांग्रेसी प्रभु राम के अस्तित्व को नहीं मानते थे। जो कभी रामसेतु के अस्तित्व को नहीं मानते थे, जिनके नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़ी है कि प्रभु राम का कोई अस्तित्व नहीं था। अगर आप कालनेमि बनकर काम करेंगे, तो जनता समझती है कौन कालनेमि है और कौन असली है।
सवाल: कांग्रेस की बहुप्रतीक्षित योजना, नरवा, गरवा, घुरवा अउ बारी से निपटने की बीजेपी की क्या तैयारी है?
जवाब: कोई हमको निपटने की जरूरत नहीं है, इससे जनता निपट लेगी। लोग देख रहे हैं कि गरवा, सड़कों पर है। लोग देख रहे हैं कि जल स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है। पीने का पानी लोगों को नहीं मिल रहा है। लोग देख रहे हैं कि घुरवा के नाम पर लोगों को खाद में मिट्टी मिलाकर उपलब्ध कराई जा रही है। लोग देख रहे हैं, समझ रहे हैं। लोग समझते हैं इस बात को। ये सबसे फेलवर योजना है। इसके लिए बजट में कोई प्रोविजन नहीं है। बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। जितनी योजनाओं पर सरकार ने खर्च नहीं किया है, उतना तो ज्यादा मीडिया और प्रचार-प्रसार में खर्च किया है।
सवाल: छत्तीसगढ़ में खेती और किसानी अहम मुद्दे रहे हैं। कांग्रेस ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा की है। इसे लेकर बीजेपी की क्या काट होगी?
जवाब: देखिए, वो कहां से खरीदेंगे। वह तो जाने वाले हैं, जब चुनाव आ जाएगा। खरीदना तो हमको है। वो वादे भले ही कर रहे हैं, पूरे हम करेंगे।
सवाल: क्या वजह रही है कि उपचुनाव और नगर निगम चुनाव में बीजेपी लगातार हारती रही है?
जवाब: कोई वजह नहीं है। चुनाव को इन्होंने हाईजैक किया, जो सीधे जनता के द्वारा चुने जाने वाली प्रणाली थी। उसको इन्होंने समाप्त कर दिया है । सरकारी साधनों का दुरुपयोग किया । पैसे का दुरुपयोग किया। अधिकारों का दुरुपयोग किया । यह तो एक सामान्य है कि जब सत्ता में जो पार्टी रहती है । स्थानीय संस्थाओं में वह लोग जीतकर आते हैं। हम तो 15 साल बाद हटे हैं, इनकी तो 5 साल में ही हालत खराब हो गई है।
सवाल: बीजेपी के 15 साल बनाम कांग्रेस के 5 साल। कैसे देखते हैं?
जवाब: बीजेपी के 15 साल खुशहाल, कांग्रेस के 5 साल बेहाल। गड्ढा भरने के लिए जिनके पास पैसे नहीं हैं, जिनके पास में लोगों को बिजली, सड़क, पानी देने के लिए पैसे नहीं है। 18 लाख गरीबों के सिर से छत छीनने वाली ये पापी सरकार है। इससे जनता आगामी चुनाव में बदला लेगी।
सवाल: सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि बस्तर ब्रांड हमने बनाया है। बस्तर में सड़के हमने बनाई हैं। आप मंत्री रह चुके हैं क्या कहेंगे?
जवाब: मैं यही पूछना चाहता हूं, कहां ब्रांड है। कौन सा ब्रांड है। कितनी इनकम हो रही है। नक्सलवाद क्यों पनप रहा है ? क्यों गाड़ियां चल रही हैं ? क्यों जवानों की हत्या हो रही हैं? भूपेश बघेल को मार्केटिंग करना अच्छे से आता है। ये सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर केवल मार्केटिंग करते हैं। जनता की जेब में कुछ नहीं जा रहा है। सब कांग्रेसियों के जेब में जा रहा है। पूरे छत्तीसगढ़ में माफियाराज पैदा हो गया है। चाहे वो रेत माफिया हो, जंगल माफिया हो, शराब माफिया हो, ड्रग माफिया हो, जमीन माफिया हो, धान माफिया हो। छत्तीसगढ़ पहले शांत प्रदेश था। इसको उन्होंने माफियाओं का प्रदेश बना दिया है। जो बिरनपुर में हत्या हुई, ये बताता है कि कांग्रेस तुष्टीकरण की नीति पर चलती है। इसलिए बहुसंख्यक समाज कांग्रेस से नाराज है। छत्तीसगढ़ बंद ने भी इस बात को बता दिया है।
सवाल: अभी भी विधानसभा क्षेत्र में कई कार्य अधूरे हैं। पूरे नहीं हो पाए हैं। जनता को कैसे समझाएंगे?
जवाब: यह तो जनता जानती है कि कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस सरकार के पास तो जहर खाने के लिए पैसे नहीं है। विकास कार्य तो कांग्रेस की सरकार में अवरूद्ध हो गए हैं। 15 साल में जितने काम हुए हैं, वह तो कांग्रेस के 50 साल के राज में नहीं हुए। बड़े पुल बनना, ओवरब्रिज बनना, सड़कें चौड़ी होना, समुदायिक भवन बनना, स्कूल खुलना, कालेज खुलना आदि काम हुए हैं। कांग्रेस के सरकार में तो आप ये भी नहीं बता सकते कि कितने काम हुए हैं।
…और आखिरी सवाल इस बार छत्तीसगढ़ बीजेपी से सीएम का चेहरा कौन होगा?
जवाब: देखिए, कभी भी विपक्ष में जब कोई भी पार्टी होती है, तो मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं होता। कांग्रेस पार्टी हो, चाहे बीजेपी हो, चाहे कोई भी पार्टी हो, इसलिए पहले ये हमारा उद्देश्य है कि हम बहुमत में आए। बहुमत के बाद पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा।अमरउजाला से साभार