Home छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए चीफ दीपक बैज ने संभाला पदभार, CM भूपेश से...

कांग्रेस के नए चीफ दीपक बैज ने संभाला पदभार, CM भूपेश से लेकर तमाम बड़े नेता हुए शामिल,

43
0

 दीपक बैज बोले – भूपेश के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव, कार्यकर्ताओं को दिए दो अहम टास्क

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आज पदभार संभाल लिया है। वो दोपहर 1 बजकर 45 मिनट पर रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ जगह-जगह, चौक-चौराहों पर गर्मजोशी से साथ स्वागत किया। इसके बाद वो शाम साढ़े 5 बजे प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचे, जहां कांग्रेस नेत्रियों ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इसके बाद बंद कमरें में पीसीसी चीफ ने पदभार ग्रहण किया। इस दौरान बंद कमरे में सीएम भूपेश बघेल, पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री कवासी लखमा आदि मौजूद रहे। इसके बाद कांग्रेस मंत्री मरकाम, सीएम भूपेश ने एक औपचारिक बैठक लेकर कांग्रेसियों को संबोधित किया।

इसके बाद नए नवेले पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मंच से बड़ा ऐलान करते हुए दावा किया कि हम नवंबर 2023 में भी कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। पदभार संभालते ही बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। कहा कि बीजेपी के पास सीएम का कोई चेहरा नहीं है। हम सीएम भूपेश के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी में हिम्मत है तो पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ के देख लें। जो काम पिछले 15 साल में नहीं हुआ, वो काम 5 साल में हो गया। सीनियर नेताओं के मार्गदर्शन और सुझाव में काम किया जाएगा। कांग्रेस में बदलाव पर कहा कि जब भी फेरबदल होता है अच्छे के लिए होता है। उन्होंने कहा कि सरकार बनाना पहला टास्क है। दूसरा टास्क सभी कार्यकर्ताओं को 18 घंटे काम करना होगा।  इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मंत्री मोहन मरकाम, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव और सह-प्रभारी विजय जांगिड़ समेत मंत्रिमंडल के सदस्य और पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। 

दीपक बैज इसलिए बने कांग्रेस अध्यक्ष
बस्तर जिले के चित्रकोट से दो बार के विधायक रह चुके और वर्तमान बस्तर सांसद दीपक बैज छत्तीसगढ़ के आदिवासी चेहरा हैं। वो राहुल गांधी के पसंदीदा नेताओं में से एक जाने जाते हैं। उन्हें सीएम भूपेश बघेल का करीबी भी माना जाता है। भूपेश बघेल ने ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के लिए उनका नाम संगठन को भेजा। मरकाम पहले से ही बस्तर कोंडागांव जिले से थे। इसलिए उन्हें हटाकर बस्तर से ही आदिवासी नेता को अध्यक्ष बनाया गया ताकि बस्तर संभाग की सभी 12 सीटों पर कांग्रेस की पकड़ बनी रहे।