रायपुर /बिलासपुर – पहला त्योहार हरेली में इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही नहीं, बल्कि स्थानीय बच्चे भी गेड़ी चढ़ सकेंगे। सीएम के निर्देश पर राज्य में पहली बार गेड़ी बनाकर बेचने की योजना बनाई गई है। इसके लिएजिला प्रशासन ने सी-मार्ट में गेड़ी उपलब्ध कराई है। गेड़ी की कीमत 60 से लेकर 120 रुपए तक है। इसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करना और बच्चों को इनसे जोड़ना है।
प्रदेश में हरेली के त्योहार को सरकार भी पूरे जोश में मनाती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गेड़ी पर चढ़ते हुए दिखाई देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पिछले साल प्रदेश के हर स्कूल में बच्चों के लिए भी गेड़ी की व्यवस्था की थी। साथ ही राज्य सरकार ने आदेश जारी कर हरेली पर्व के अवसर पर प्रदेश भर के स्कूलों में गेड़ी नृत्य और गेड़ी प्रतियोगिता का आयोजन करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, गेड़ी उपलब्ध नहीं होने के कारण स्कूली बच्चे इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पा रहे थे।
हर साल की तरह इस बार भी 17 जुलाई को हरेली तिहार पूरे प्रदेश के साथ ही जिले में उत्साह व उल्लास से मनाने का निर्णय राज्य शासन ने लिया है। सभी प्राइमरी, मिडिल, हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में इन्हीं परंपराओं को विविध प्रतिभाओं के माध्यम से हरेली तिहार पर सामने लाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय बच्चों को आसानी से गेड़ी मिल सके, इसके लिए भी सरकार को इंतजाम करने के निर्देश दिए थे।
स्कूलों में होगी प्रतियोगिता
राज्य शासन की ओर से हरेली तिहार व छुट्टी घोषित की है, लेकिन इस दिन संबंधित स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति के साथ जनप्रतिनिधियों को जोड़ने कहा है। स्कूल स्तर पर छात्र-छात्राओं में गेड़ी, फुगड़ी, नारियल फेक आदि प्रतियोगिताएं कराई जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग विभाग ने सभी जिलो को अफसरों को आदेश जारी कर कहा है कि हरेली के दिन हर प्राइमरी, मिडिल, हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल, आश्रम शालाओं, छात्रावासों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शाला प्रबंधन समिति, स्थानीय कला व संगीत मंडलियों की सहायता से विशेष रूप से हरेली त्योहार का आयोजन किया जाएगा। विद्यार्थियों के बीच गेड़ी नृत्य प्रतियोगिता का विशेष आयोजन किया जाएगा।
सीएम ने दिए थे निर्देश, सी-मार्ट पहुंची गेड़ी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को स्थानीय बच्चों के लिए गेड़ी बनाकर बिक्री कराने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर कलेक्टर सौरभ कुमार ने वेयर हाउस रोड स्थित C-स्मार्ट में इस बार हरेली तिहार पर गेड़ी बेचने की व्यवस्था कराई है। मंगलवार से सी- मार्ट में गेड़ी पहुंच गई है, जिसे आमजनों को भी बिक्री किया जाएगा। गेड़ी की कीमत 60 से लेकर 120 रुपए तक है।
इस वजह से भी चढ़ते हैं गेड़ी
गेड़ी का एक महत्वपूर्ण पक्ष है कि इसका प्रचलन वर्षा ऋतु में होता है। वर्षा के कारण कई रास्तों में कीचड़ हो जाते हैं, जिससे आने जाने में परेशानी होती है इस समय बच्चे गेड़ी पर चढ़कर एक स्थान से दूसरे स्थान आते जाते हैं। बारिश में गांवों, खेतों में सांप-बिच्छु का भी डर होता है। गेड़ी में चढ़ने के कारण वे इससे भी बचे रहते हैं। उन्हें कीचड़ का भय नहीं रहता, वह गेड़ी के सहारे उसकी जद को पार कर लेते हैं। देखा जाए तो गेड़ी का संबंध है कीचड़ से ही है। कीचड़ में चढ़ने पर ही गेड़ी का आनंद आता है।
17 जुलाई को है हरेली त्योहार
सावन महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर हरियाली पर्व मनाने की परंपरा है। छत्तीसगढ़ में इस दिन को हरेली त्योहार के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन से ही छत्तीसगढ़ में त्योहारों का सिलसिला शुरू होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में त्योहार की ख़ास धूम देखी जाती है। ग्रामीणों अपने कृषि औजारों को धोकर उनकी पूजा करते हैं। वहीं, मकान और वाहनों पर नीम की डालियां बांधकर बुरी नजर से रक्षा करने की कामना करते हैं। इस बार हरेली तिहार 17 जुलाई को है।