धमतरी के जंगलों में भी मिलती है देश की सबसे महंगी सब्जी बोड़ा, कीमत जानकर रह जाएंगे हैरान
छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जी ‘बोड़ा’ बस्तर के बाजार में बिकने के लिए पहुंच गई है। इस सब्जी की कीमत 600 सौ रुपये किलो है। यह सब्जी महज मानसून के समय ही उपलब्ध होती है और बस्तर संभाग में ही मिलती है। इसके इतने फायदे हैं कि जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
जगदलपुर – छत्तीसगढ़में महंगी सब्जियों की बात करें तो सरई बोड़ाका नाम शायद सबसे ऊपर आएगा. साल में महज डेढ़ हो महीने मिलने वाला बोड़ा अब धमतरी के जंगलों में पैदा होने लगा है. गावों में ये 300 रुपये किलो, तो आसपास के शहरों में करीब 600 रुपये में मिलता है. जबकि महानगरों में यही बोड़ा 2 हजार किलो तक बिकता है. आखिर ये बोड़ा है क्या और कहां व कैसे पैदा होता है? आइए जानें इसके बारे में सबकुछ. इतनी महंगी होने के बावजूद बाजार में इसके चाहने वाले कम नहीं हैं। खास बात यह है कि यह सब्जी उगाई नहीं जाती, बल्कि साल जंगल में अपने आप ही उगती है। हालांकि आवक बढ़ने के बाद इसकी कीमत घटती है।
मशरूम की ही प्रजाति है बोड़ा
दरअसल, मशरूम की 12 प्रजातियों में बोड़ा भी शामिल है। यह एक मात्र ऐसी प्रजाति है, जो जमीन के ऊपर नहीं, बल्कि अंदर तैयार होती है। जैसे ही मानसून की पहली बौछार पड़ती है, बस्तर के घने जंगल से बोड़ा जमीन को फाड़कर बाहर निकलती है। बारिश और उमस का मौसम बोड़ा के उगने के लिए अनुकूल होता है। जून-जुलाई में बोड़ा की सबसे ज्यादा उपलब्धता होती है। लोग इसके जायके के दीवाने हैं। बोड़ा खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। इसके अलावा इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स मिलता है।
छत्तीसगढ़ सहित ओडिशा, तेंलगाना से खरीदने पहुंचते हैं लोग
बोड़ा बेचने आई पद्मनी ने बताया की तेंदूपत्ता और महुआ के बाद आमदनी का मुख्य स्त्रोत माना जाता है। बारिश के मौसम की शुरुआत के साथ बोड़ा के बाजार में आने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्राकृतिक रूप से एक निश्चित अवधि के लिए ही इसका उगना और इसका स्वाद इसे अनोखी सब्जियों में शुमार करता है। बस्तर संभाग के साथ ही पड़ोसी राज्य ओडिशा, तेलंगाना से भी बड़ी संख्या में लोग इसे खरीदने के लिए पहुंचते हैं। इस वर्ष कमजोर आवक के कारण यह बहुत ही महंगे दामों में बिक रहा है।
बीपी, शुगर, कुपोषण में फायदेमंद, इम्युनिटी बूस्टर
मशरूम की 12 प्रजातियों में से एक बोड़ा की अनोखी विशेषता यह है कि यह जमीन के भीतर तैयार होता है। साल वृक्ष के नीचे उगने वाले बोड़ा में फाइबर, सेलेनियम, प्रोटीन, पोटैशियम, विटामिन डी और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज के होने की बात जानकार बताते हैं। इनकी मौजूदगी की वजह से इसे शुगर, हाई बीपी, बैक्टीरियल इनफेक्शन, कुपोषण और पेट रोग दूर करने में सक्षम पाया गया है। ताजा परिस्थितियों में इसमें इम्यूनिटी बूस्ट करने के तत्वों की वजह से इसे बेहद अहम माना जाता है।