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ओडिशा रेल हादसे में 288 नहीं, 275 लोगों ने गंवाई जान, चीफ सेक्रेटरी बोले- कुछ शव दो बार गिने; मृतकों की तस्वीरें जारी

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भुवनेश्वर – ओडिशा सरकार ने बालासोर रेल हादसे में मृतकों की संख्या रविवार को 288 से संशोधित कर 275 कर दी और घायलों की संख्या 1,175 बताई है। चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने रविवार को कहा, कुछ शवों की दो बार गिनती हो गई थी। इस वजह से मृतकों की संख्या में गड़बड़ी हुई।

793 को किया डिस्चार्ज

पीके जेना कहा, विस्तृत सत्यापन और बालासोर जिलाधिकारी की एक रिपोर्ट के बाद संशोधित मृतक संख्या 275 है। घायलों का उपचार सोरो, बालासोर, भद्रक और कटक के विभिन्न अस्पतालों में हो रहा है। अब तक 793 यात्रियों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है और 382 का सरकारी खर्च पर इलाज हो रहा है।

187 की पहचान नहीं हो पाई

पीके जेना ने कहा कि अब तक 88 शवों की पहचान की जा चुकी है और 78 शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया गया है। जबकि, 187 की पहचान नहीं हो पाई है। मुख्य सचिव ने कहा कि शवों की पहचान सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, डीएनए नमूना लिया जाएगा और मृतक की तस्वीरें सरकारी वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी।

100 से अधिक मेडिकल टीमें तैनात

जेना ने कहा कि एनडीआरएफ की नौ टीम, ओडिशा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल (ओडीआरएएफ) की 5 इकाइयां और दमकल सेवा की 24 टीम बचाव अभियान में लगी थीं, जो अब पूरी हो चुका है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में रात के समय सर्जरी के लिए व्यवस्था की गई है और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ 100 से अधिक मेडिकल टीम को तैनात किया गया है।

रेल मंत्री ने बताया हादसे का कारण

ओडिशा के बालासोर में दो जून को हुए रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई और एक हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए।  हादसे का कारण पता चल गया है। रेल मंत्री ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि, यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण हुआ। हमने जिम्मेदारों की भी पहचान कर ली है, उनपर कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम वह होता है जिसमें ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। इसके साथ ही रेल मंत्री ने कहा कि हादसे का कवच सिस्टम से कोई लेना-देना नहीं है।

कैसे हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक, हादसा बालासोर के बहानगा बाजार स्टेशन के पास शाम करीब 7 बजे हुआ। रेलवे के मुताबिक कोलकाता-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस बहानगा स्टेशन के पास डिरेल हो गई थीं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन पास के ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस डिरेल हुई थी। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद कोरोमंडल ट्रेन की भी कुछ बाोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से टकरा गईं। कुछ बोगियां मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गईं।

उड़ गई पटरी, अलग हो गए पहिए

तीन ट्रेनों की टक्कर इतनी भयानक और भीषण है की रेल ट्रैक पर कई किलोमीटर पटरी गायब है। भीषण टक्कर के बाद पटरी टूटकर दूर जा गिरी। ट्रेन की बोगियों से पहिये अलग हो चुके हैं, बोगियां पिचक गईं थीं और ट्रेन के दोनों पहिये अलग हो गए। टक्कर के बाद स्टील की बोगियां खिलौने जैसी पिचकी पड़ी थीं। राहतकर्मी गैस कटर से बोगी काट काटकर अलग कर रहे हैं और उसमें फंसे लोगों को निकाल रहे हैं। अंदर का दृश्य बेहद भयावह है।