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बद्रीनाथ धाम के कपाट खुले – 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया मंदिर; सेना के बैंड ने बजाईं धुनें, लोगों ने जय बद्री विशाल के नारे लगाए

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उत्तराखंड – चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। यात्रा के चौथे धाम बद्रीनाथ के कपाट गुरुवार को खुल गए हैं। सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पहली पूजा की गई है। बद्रीनाथ धाम को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। सुबह से ही बद्रीनाथ धाम के बाहर बर्फबारी हो रही है। इसके बाद भी सैकड़ों श्रद्धालु धाम के बाहर जुटे रहे।

इस दौरान आर्मी बैंड धुनें बजाता रहा और लोगों ने जय बद्री विशाल के नारे लगाए। इसके पहले आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर को रवाना हुई थी।

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के साथ ही तप्तकुंड, नारद कुंड, शेष नेत्र झील, नीलकंठ शिखर, उर्वशी मंदिर, माता मूर्ति मंदिर, देश का पहला गांव माना, भीमपुल पर लोगों ने पहुंचना शुरू कर दिया है।

देखिए बद्रीनाथ धाम की तस्वीरें…

मंदिर के पट खुलने से पहले की तस्वीर। श्रद्धालु मंदिर के बाहर इंतजार में बैठे हुए।

मंदिर के पट खुलने से पहले की तस्वीर। श्रद्धालु मंदिर के बाहर इंतजार में बैठे हुए।

जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, भक्तों ने हवा में हाथ उठाकर जय बद्रीनाथ के नारे लगाए और खुशी में झूमने लगे।

जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, भक्तों ने हवा में हाथ उठाकर जय बद्रीनाथ के नारे लगाए और खुशी में झूमने लगे।

सेना के बैंड ने इस मौके पर कई धार्मिक गीतों की धुनें बजाईं।

सेना के बैंड ने इस मौके पर कई धार्मिक गीतों की धुनें बजाईं।

बद्रीनाथ के पट खुलने से पहले आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर को रवाना हुई।

बद्रीनाथ के पट खुलने से पहले आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर को रवाना हुई।

DGP अशोक कुमार के मुताबिक यात्रा व्यवस्थित तरीके से चल रही है। श्रद्धालुओं से प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई है।

DGP अशोक कुमार के मुताबिक यात्रा व्यवस्थित तरीके से चल रही है। श्रद्धालुओं से प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई है।

केदारनाथ मंदिर में एक भक्त का दान किया गया सोने का छत्र और घड़ा मंदिर में स्थापित किया गया है।

केदारनाथ मंदिर में एक भक्त का दान किया गया सोने का छत्र और घड़ा मंदिर में स्थापित किया गया है।

केदारनाथ में 8 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए

इसके पहले 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 6.20 बजे खोले गए। मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने मंदिर के कपाट खोले। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। खराब मौसम के कारण मंदिर जाने वाले हजारों तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया था।

हालांकि पहले दिन 8 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। माइनस 6 डिग्री तापमान के बाद भी सुबह 4 बजे से मंदिर के बाहर दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी थीं।

केदारनाथ जाने के लिए 30 अप्रैल तक रजिस्ट्रेशन बंद

उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ के पैदल रास्ते में भारी बर्फबारी और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक रोक दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने केदारनाथ धाम मार्ग और धाम में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। केदारघाटी में अगले एक हफ्ते तक मौसम खराब रहने का अनुमान है।

एवलांच (हिमस्खलन) की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन जरूरी कार्रवाई कर रहा है। केदारनाथ धाम में रविवार को रुक-रुककर बारिश और बर्फबारी हुई। राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यात्रियों से कहा गया है कि वे धाम जाने से पहले अपने साथ गर्म कपड़े और जरूरी सामान रखें।

बीते 7 सालों में 66 लाख लोग बदरीनाथ पहुंचे
साल 2016 में 6,54,355, साल 2017 में 9,20,466, साल 2018 में 10,48,051, साल 2019 में 12,44,993 लोग बदरीनाथ पहुंचे थे। साल 2020 और 2021 में सिर्फ 1,55,055 और 1,97,997 श्रद्धालु ही पहुंच पाए थे। वहीं, पिछले साल 2022 में कोरोना महामारी पर काबू पाकर 17,63,549 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम पहुंचे थे। कुल मिलाकर बीते 7 सालों में 66 लाख लोग बदरीनाथ धाम पहुंचे थे।

बद्रीनाथ धाम के पुजारी का आरोप- सरकार घर खाली करने को कह रही

कुछ दिनों पहले बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी के प्रतिनिधियों ने डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी से मुलाकात की थी। उन्हें बताया था कि कैसे उत्तराखंड सरकार कई पीढ़ियों और सदियों से उनके कब्जे वाले नारायणपुर में उनको अपने घरों से बेदखल करने की धमकी दे रही है।