मुख्यमंत्री की तारीफ में प्रियंका गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल बस्तर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ को पूरे देश में एक ब्रांड बना दिया है, यहां सबसे ज्यादा धान खरीदी में एमएसपी दी जा रही है। बेरोजगारी दर सबसे कम है, बस्तर में फिल्मों की शूटिंग हो रही है नक्सली बैकफुट पर हैं…
बस्तर – कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उलझन खत्म हो गई है। आगामी चुनाव में पार्टी ने उनपर अपना पूरा भरोसा जता दिया है और ये संकेत दे दिया है कि अगला विधानसभा चुनाव भी उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। प्रियंका गांधी ने बस्तर के मंच से बघेल सरकार की न केवल जमकर तारीफ की बल्कि इशारों ही इशारों में ये बता दिया कि बघेल ही फिर से मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। प्रियंका गांधी ने बघेल के धुर विरोधी माने जाने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव की मौजूदगी में कहा, ‘मुख्यमंत्री कभी इधर-उधर की बात नहीं करते। वे कभी नकारात्मक बात या किसी की चुगली नहीं करते’। प्रियंका के इस इशारे पर सियासी गलियारों में कई मतलब निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि आगामी चुनाव में बघेल ही सीएम का चेहरा होंगे। क्योंकि हाईकमान को उन पर भरोसा है। वहीं सीएम का भी राहुल-प्रियंका के साथ अच्छा तालमेल है।
साढ़े चार साल में बदला बस्तर
गुरुवार को एक दिवसीय प्रवास पर बस्तर पहुंचीं प्रियंका गांधी सीएम बघेल के साथ दंतेश्वरी मंदिर पहुंची। यहां माता के दर्शन के बाद लालबाग में मौजूद नेहरू मंच का अवलोकन करने के साथ झीरम घाटी स्मारक में शहीद कांग्रेसियों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आंबेडकर चौक में आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कांग्रेस महासचिव ने सभा स्थल पर प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रियंका गांधी ने आदिवासी ग्रामीण महिलाओं से बातचीत की और बस्तर में वनोपज से तैयार किए जाने वाले प्रोडक्ट देखने के साथ स्वाद चखा और उसकी तारीफ भी की। उन्होंने बस्तर काफी का स्वाद भी चखा, भरोसे का सम्मेलन सभा स्थल में अपने संबोधन में प्रियंका गांधी ने कहा कि साढ़े चार साल में बस्तर बदल चुका है। यह कांग्रेस सरकार बनने के बाद ही मुमकिन हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के विकास के लिए बेहतर काम कर रहे हैं।
अपने 18 मिनट के भाषण में प्रियंका ने छत्तीसगढ़ और खासकर के आदिवासियों से जुड़ाव की बात की। उन्होंने कहा कि यहां की आदिवासी संस्कृति की तारीफ उनकी दादी इंदिरा गांधी भी अक्सर करती थीं। यहां आने के बाद उन्होंने भी कुछ ऐसा ही महसूस किया। प्रियंका गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री जब भी उनसे दिल्ली मिलने आते हैं तो किसी के बारे में चुगली नहीं करते बल्कि छत्तीसगढ़ में उनके द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताते हैं। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ के विकास और जनता के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।
पूरी आदिवासी बेल्ट पर नजर आएगा प्रियंका का प्रभाव
मुख्यमंत्री की तारीफ में प्रियंका गांधी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केवल बस्तर ही नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ को देश में एक ब्रांड बना दिया है, यहां सबसे ज्यादा धान खरीदी में एमएसपी दी जा रही है। बेरोजगारी दर सबसे कम है, बस्तर में फिल्मों की शूटिंग हो रही है नक्सली बैकफुट पर हैं और नक्सलवाद की वजह से जो स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र बंद थे, उन्हें दोबारा शुरू करवाया है। पांच लाख लोगों को वन अधिकार पट्टा दिया गया है, यहां का गौठान मॉडल विश्व प्रसिद्ध बन गया है, इसलिए छत्तीसगढ़ की गौमाता और जनता दोनों खुश हैं।
प्रदेश के राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बस्तर के आदिवासियों के लिए प्रियंका गांधी केवल एक कांग्रेस नेता नहीं, बल्कि इंदिरा की पोती भी हैं। लिहाजा आदिवासियों का भावनात्मक लगाव भी प्रियंका गांधी से जुड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़ में इस वक्त बस्तर लोकसभा समेत विधानसभा की सभी 12 सीटों में कांग्रेस के विधायक हैं और पार्टी इस बात को बखूबी जानती है कि सत्ता तक जाने की राह आदिवासी बाहुल्य बस्तर से होकर ही गुजरती है। इससे पहले गांधी परिवार से इंदिरा, राजीव, सोनिया और राहुल गांधी भी बस्तर आ चुके हैं।
प्रियंका के साथ दो राज्यों में काम चुके हैं सीएम बघेल
इससे पहले प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ कांग्रेस अधिवेशन में शामिल होने के लिए रायपुर आई थीं। तब सीएम भूपेश बघेल ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया था। जिस रास्ते से प्रियंका गांधी को वाड्रा को अधिवेशन स्थल जाना था। उसे गुलाब के फूलों से बिछा दिया गया था प्रियंका का इस तरह से स्वागत का अंदाज कइयों को चौंका गया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पहले यूपी और फिर हिमाचल प्रदेश में कमान संभाली थी। यूपी में तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी और प्रियंका को सफलता नहीं मिली। लेकिन हिमाचल प्रदेश में प्रियंका गांधी का जादू सिर चढ़कर बोला और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की। हालांकि प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता बदलने का ट्रेंड है, लेकिन फिर भी इस जीत का श्रेय प्रियंका गांधी के हिस्से गया। इन दोनों ही राज्यों में प्रियंका के साथ सीएम बघेल प्रभारी की भूमिका थे। कई बार कांग्रेस के भीतर राजनीतिक समीकरणों ने यह संकेत भी दिया है कि प्रियंका गांधी का विश्वास और समर्थन सीएम बघेल के साथ हैं।