अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर लोकसभा के सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने फिर से अमृतपाल सिंह को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा, अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए। उसे रावी नदी पार करके पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
नई दिल्ली – खालिस्तान समर्थक और भगोड़े अमृतपाल सिंह पंजाब पुलिस के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है। 18 मार्च से फरार वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह पुलिस की गिरफ्त से दूर है। दूसरी ओर अमृतपाल रणनीति के तहत वीडियो जारी कर खुलेआम अपने मंसूबों को बता रहा है। लोकसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के मुखिया सिमरजीत सिंह मान ने भगोड़े अमृतपाल सिंह को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। सिमरजीत सिंह ने उसको पाकिस्तान जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है।
नेपाल नहीं, पाकिस्तान चले जाना चाहिए
सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए, उसे रावी नदी पार करके पाकिस्तान चले जाना चाहिए। संगरूर से लोकसभा सांसद मान का कहना है कि हम 1984 में भी पाकिस्तान गए थे। मान ने एक मीडिया संस्थान से इंटरव्यू में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अमृतपाल को नेपाल जाने की क्या जरूरत है। उन्हें पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान चले जाना चाहिए।
पाकिस्तान भागने को इसलिए बताया सही
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के मुखिया सिमरजीत सिंह ने कहा कि अमृतपाल की जिंदगी खतरे में है। सरकार जुल्म कर रही है तो यह सिख इतिहास के हिसाब से जायज है। उन्होंने 1984 की घटनाओं की तरफ इशारा थी जब सिख विरोधी दंगे हुए थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जनरैल सिंह भिंडरावाले और उसके खालिस्तानी सहयोगियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार का आदेश दिया था। भारतीय सेना अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में घुस कर उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुए थे।
कई बार कर चुके हैं अमृतपाल का समर्थन
आपको बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब सिमरनजीत सिंह ने अमृतपाल के समर्थन में खड़े हुए है। इससे पहले भी वह कई मौकों पर खुलकर अमृतपाल की पैरवी कर चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि उन्हें डर है कि कहीं अमृतपाल का एनकाउंटर न कर दिया जा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की थी कि ऐसा कुछ नहीं करें जिससे अमृतपाल का खात्मा ना हो।