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राहुल गाँधी की सदस्यता जाने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी को ऐसे घेरा, जानिए क्या कहा, जिससे बढ़ी सियासी हलचल

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रायपुर – सीएम भूपेश बघेल राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचेंगे. इससे पहले रायपुर एयरपोर्ट में सीएम बघेल ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर हमला बोला

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अभी जो स्थिति बनी है बीजेपी-अडानी के मामले में वे मौन साधे बैठे हैं. उसके बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं. बल्कि एक नया एंगल ले आए हैं कि पिछड़े वर्ग की बात. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मैं कहना चाहूंगा की पिछड़े वर्ग के नाम से घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें. छत्तीसगढ़ में 2 दिसंबर 2022 को आरक्षण बिल पारित किया. लेकिन बीजेपी के दबाव में उस बिल में हस्ताक्षर नहीं हो रहे है. इससे लाखों युवाओं का शिक्षा और नौकरियों में नुकसान हो रहा है. कांग्रेस पार्टी गरीबों और वंचितों की लड़ाई लड़ती रही है. बीजेपी ने हमेशा इनकी उपेक्षा की है और इनके बीच में भेद डालने की कोशिश की है. अपना उल्लू सीधा करने का काम किया है.

बीजेपी का OBC प्रेम केवल दिखावटी है

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रमन सिंह को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ठाकुर रमन सिंह ने मुझे भानुप्रतापुर विधानसभा उपचुनाव में कुत्ता, बिल्ली और चूहे से संबोधित किया था. ये उनकी मानसिकता है. जेपी नड्डा जी अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह से पूछिए. आपने कहा था कि नहीं कहा था. बीजेपी का ओबीसी प्रेम केवल दिखावटी है. घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें और सीधा सीधा अडानी के मामले में जवाब देने शुरू करें. सीएम बघेल ने आगे कहा कि इससे पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ओबीसी वर्ग के अपमान का राहुल गांधी पर आरोप लगाया था. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर राहुल गांधी पर सियासी तंज कसते हुए कहा था कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से पाए? पूर्व सांसद राहुल गांधी जी अब फुर्सत से हैं तो बैठकर सोचिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पिछड़े वर्ग पर जातिगत टिप्पणी करके आपने कितनी बड़ी भूल की थी.

आरक्षण विवाद पर सीएम बघेल का हमला

आपको बता दें की छत्तीसगढ़ में पिछले साल से आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में अटका पड़ा है. इस विधेयक को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर पारित किया गया था. इसके अनुसार राज्य में ओबीसी वर्ग का आरक्षण 27 प्रतिशत बढ़ाया गया था. लेकिन इस विधेयक को राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी. इसपर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर आरोप लगा रही है कि बीजेपी के दबाव में राज्यपाल आरक्षण विधेयक को मंजूरी नहीं दे रहे है.