मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बजट में मानदेय बढ़ाने की घोषणा सुनकर धरना स्थल पर ही कार्यकर्ता झूम उठे। उनके मानदेय सरकार ने बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है। घोषणा सुनने के बाद धरना स्थल पर ही कार्यकर्ता नाचने लगे। एक-दूसरे पर रंग गुलाल लगाकर कार्यकर्ताओं ने बजट में की गई घोषणाओं से मिली खुशी का इजहार किया।
रायपुर – छत्तीसगढ़ की मौजूदा भूपेश सरकार का आखिरी बजट बहुत सारे लोगों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आया। लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग करने वालों के चेहरे मुख्यमंत्री बघेल की घोषणा के बाद खिल उठे। इनमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने जैसे ही मानदेय बढ़ाने की घोषणा की, वैसे ही धरने पर बैठे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होली के रंग और गुलाल में झूम उठे। उन्होंने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली मनाई और जमकर डांस किया।
दरअसल, मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले सहित प्रदेश भर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पिछले 45 दिनों से धरना दे रही थीं। इसको लेकर उन्होंने सड़क पर प्रदर्शन किया और आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले तक लगा दिए थे। इसके बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाई और कई कार्यकर्ता हड़ताल बीच में छोड़कर आंगनबाड़ी केंद्र लौट गईं। कुछ केंद्रों के ताले फिर खुले और बच्चे व महिलाएं वहां पहुंचने लगीं थीं। इस बीच मुख्यमंत्री की घोषणा ने उनके बजट को खुशियों के गुलाल से रंग दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बजट में मानदेय बढ़ाने की घोषणा सुनकर धरना स्थल पर ही कार्यकर्ता झूम उठे। उनके मानदेय सरकार ने बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया है। घोषणा सुनने के बाद धरना स्थल पर ही कार्यकर्ता नाचने लगे। एक-दूसरे पर रंग गुलाल लगाकर कार्यकर्ताओं ने बजट में की गई घोषणाओं से मिली खुशी का इजहार किया। हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि अभी उनकी कुछ मांगे लंबित है, पर फिर भी अभी की गई घोषणाओं से उन्हें बड़ी खुशी मिली है।