तिरुवनंतपुरम – केरल में गैर भाजपा दलों ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वह दावा एक स्वप्न है जिसमें उन्होंने कहा है कि केरल में भगवा दल का गठबंधन सत्ता में आएगा. प्रधानमंत्री के बयान के एक दिन बाद कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और आईयूएमएल की ओर से इस प्रतिक्रिया व्यक्त की गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बयान में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन की तारीफ की और भगवा दल के प्रति अल्पसंख्यकों के बढ़ते समर्थन का हवाला देकर केरल के लक्ष्य की ओर इंगित किया. मोदी ने कहा था, ‘‘चूंकि धीरे-धीरे हमारे विरोधियों के झूठ का पर्दाफाश हो रहा है, भाजपा विस्तार करेगी…मुझे भरोसा है कि आगामी सालों में भाजपा नीत गठबंधन केरल में भी सरकार बनाएगा जैसा कि अभी मेघालय, नगालैंड और गोवा में हो रहा है.’’
प्रधानमंत्री के बयान को ‘दिवास्वप्न’ करार देते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता और पोलित ब्यूरो के सदस्य एम ए बेबी ने कहा कि मोदी को याद रखना चाहिए कि उनकी पार्टी वर्ष 2021 के चुनाव में केरल विधानसभा की अपनी एकमात्र सीट भी हार गई थी. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री दिन में सपने देखने के अधिकारी हैं, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि भाजपा को केरल विधानसभा में अपनी एकमात्र सीट भी गंवानी पड़ी थी.
पिछले चुनाव में इस एकमात्र सीट को वाम मोर्चा ने जीत लिया और केरल में भाजपा की फिहलाल दयनीय हालत है.’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने भी कहा कि भाजपा केरल में कभी सत्ता में नहीं आएगी क्योंकि यहां लोग ‘फासीवादी और सामंतवादी गतिविधियों के खिलाफ एकजुट’ होंगे.
सतीशन ने दावा किया केरल में अधिकतर हिंदू भाजपा के खिलाफ हैं. सतीशन ने आरोप लगाया कि केरल में माकपा कांग्रेस विरोधी थी और केंद्र में भाजपा के साथ उसकी ‘अपवित्र गंठजोड़’ है. कांग्रेस की सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमल) के वरिष्ठ नेता एमके मुनीर ने कहा कि मोदी केरल में जमीनी हकीकत से अवगत नहीं थे, लेकिन वह स्वप्न देख सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 1957 से केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएम) या संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) की सरकार रही है.