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जाते-जाते छत्तीसगढ़ कांग्रेस को फिर ‘दर्द’ दे गईं राज्यपाल अनुसुईया उइके, विरोध शुरू

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रायपुर – राज्यपाल रह चुकीं अनुसुईया उइके अपने कार्यकाल से ही विवादों में रही हैं, जो अब जाते-जाते भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस को फिर गहरा दर्द दे गईं। शुरू से ही उनके फैसले पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस सवाल उठाती रही है। अब फिर उन्हें सवाल करने का मौका मिल गया है। दरअसल, मामला राजधानी रायपुर के पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय कुलपति की नियुक्ति का है। यहां पर जाते-जाते वक्त मंगलवार को ही राज्यपाल ने  प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ला को कुलपति नियुक्त किया है।

विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति को लेकर स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा गरमाया हुआ है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कुलपति की नियुक्ति का विरोध करना शुरू कर दिया है। राज्यपाल अनुसुईया पर संघ का एजेंडा चलाने का आरोप लगाया जा रहा है। मामले में कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल उइके ने जाते-जाते छत्तीसगढ़ को छला है।

सुशील आनंद ने उठाए सवाल
सुशील आनंद ने कहा कि कुलपति की नियुक्ति में स्थानीय प्रतिभाओं को मौका नहीं दिया गया है। भाजपा ऐसी नियुक्तियों को प्रश्रय देती रही है। रविवि में यूपी के अयोध्या जिले के निवासी प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ला को कुलपति नियुक्त किया गया है। राज्यपाल ने बैक डेट पर नियुक्ति का आदेश जारी किया है। इससे छत्तीसगढ़िया विरोधी चेहरा सामने आया है।

अवध विश्वविद्यालय से आए
राज्यपाल ने डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के डिपार्टमेन्ट ऑफ फिजिक्स इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रोफेसर सच्चिदानंद शुक्ला को रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया है। बता दें कि रविशंकर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ. केशरीलाल वर्मा के 1 अप्रैल 2023 को पूर्ण हो रहे कार्यकाल के बाद पदभार ग्रहण करेंगे। कुलपति की नियुक्ति में राजभवन की ओर से बैक डेट यानी 14 फरवरी 2023 को आदेश जारी किया गया है।

पहले भी कुलपति नियुक्ति में विवाद
इसके पहले भी राजधानी के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में कुलपति नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल पर निशाना साधा था। कांग्रेस के चौतरफा विरोध के बाद में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति खत्म कर दूसरे कुलपति की नियुक्ति की गई थी।