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कांग्रेस नेता ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, अदाणी समूह के खिलाफ जांच की मांग

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नई दिल्ली – अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा किए गए खुलासे के क्रम में अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच की मांग के लिए कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने एक मौजूदा न्यायाधीश की देखरेख में जांच की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है।

एलआईसी और एसबीआई की भूमिका की भी जांच की मांग
इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने अपनी याचिका में  भारतीय जीवन बीमा निगम(एलआईसी) और भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) की अदाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में 3,200 रुपए प्रति शेयर की दर से सार्वजनिक धन का निवेश करने के निर्णय के लिए उनकी भूमिका की जांच करने की भी मांग की गई है, जबकि सेकेंडरी बाजार में अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयरों का मूल्य लगभग 1,800 रुपये प्रति शेयर थी।

याचिका में कहा गया है कि 24 जनवरी, 2023 को प्रकाशित हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने कंपनी पर सवालिया निशान लगाया है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के निष्कर्षों ने संकेत दिया कि अदाणी समूह की कंपनियों ने अपनी विभिन्न कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ा दी और बढ़ी हुई कीमत का उपयोग करके उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों और निजी बैंकों से 82,000 करोड़ रुपए के ऋण प्राप्त किए हैं।

फर्जी कंपनी बनाने का आरोप
याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी और उनके सहयोगियों ने मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और कैरेबियाई द्वीपों जैसे टैक्स हेवन में हवाला के माध्यम से धन हस्तांतरण के लिए विभिन्न फर्जी कंपनी की स्थापना की है। ऐसे में यह मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला बनता है।

कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने की ये मांग
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव जया ठाकुर ने कहा है कि जनता के लाखों करोड़ों की ठगी करने वाले अदाणी समूह की कंपनियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ शीर्ष न्यायालय के वर्तमान जज की देखरेख और निगरानी में सीबीआई, ईडी, डीआरआई, सेबी, आरबीआई, एसएफआई आदि एजेंसियों की ओर से जांच की जानी चाहिए।

केंद्र ने जताई थी सहमति
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को केंद्र सरकार ने हिंडनबर्ग-अदाणी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच समिति बनाने पर सहमति जताई थी। अदाणी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति नियुक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है और सेबी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार (17 फरवरी 2023) को फिर आने और समिति बनाने के बारे में जानकारी देने को कहा है।