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जब धीरेंद्र शास्त्री ने मानी गलती, हाथ जोड़कर बोले- किसी को ठेस पहुंची हो तो मुझे माफ कर दो

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कथावाचक और मुख्य पुजारी पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “पालघर में संतों को मारा जाता है, रामचरित मानस की प्रतियां जलाई जाती है, रोजाना संतों को गालियां और अपशब्द बोले जा रहे हैं, हम कब तक संयम दिखाएंगे।”

नई दिल्ली – बागेश्वर धाम के कथावाचक और मुख्य पुजारी पं. धीरेंद्र शास्त्री ने संत तुकाराम पर उनके बयान के बाद उपजे विवाद पर माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी भाषा और उनके शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, किसी को ठेस पहुंची है तो वे उनसे हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि वे सनातन धर्म के साथ-साथ सभी धर्मों और उनके अनुयायियों का सम्मान करते हैं। उनके मन में किसी के प्रति कोई भेद नहीं है, लेकिन संतों का अपमान सहन नहीं कर सकते हैं।

कहा कि संत तुकाराम के बारे में कहीं पढ़ा था

इंडिया टीवी चैनल इंडिया के कार्यक्रम “आप की अदालत” में उन्होंने कहा कि संत तुकाराम की पत्नी के बारे में उन्होंने एक कथा के दौरान जो कुछ कहा वह कहीं से पढ़ा हुआ था। उन्होंने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि संत तुकाराम की पत्नी बहुत ईर्ष्यालु, झगड़ालु और संत तुकाराम को पीटने वाली थी।

धीरेंद्र शास्त्री ने बताया, “एक बार संत तुकाराम एक खेत से एक गन्ना लेकर आए तो उनकी पत्नी ने उसी गन्ने से उनकी पिटाई कर दी। इससे गन्ने के दो टुकड़े हो गए।” इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “संत तुकाराम अद्भुत संत थे, वे नाराज नहीं हुए और बोले कि हम दो हैं, लेकिन गन्ना एक था। अब हम दो हैं और गन्ना भी दो हो गया, लो एक तुम चूसो और एक हम चूसते हैं।”

कार्यक्रम में एंकर रजत शर्मा के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। साई बाबा के सवाल पर वे बोले कि उनसे पूछा गया था कि वे हिंदू हैं कि मुसलमान? इस बारे में एक पत्रकार ने लिखा था कि कोर्ट ने माना कि वे चांद मियां थे। मैंने वह पढ़ा था और एक पत्रवार्ता में एक पत्रकार ने बताया कि वे चांद मियां हैं। तब मैंने कह दिया। शास्त्री ने कहा, “वे तो उन्हें देखे नहीं है कि वे टोपी पहनते थे कि माला, मैं तो था ही नहीं।”

कथावाचक और मुख्य पुजारी पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “पालघर में संतों को मारा जाता है, रामचरित मानस की प्रतियां जलाई जाती है, रोजाना संतों को गालियां और अपशब्द बोले जा रहे हैं, हम कब तक संयम दिखाएंगे।” कहा- सभी धर्मों का सम्मान है, लेकिन सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेंगे।