कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी अडाणी समूह से जुड़े मामले को संसद में उठाने के साथ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करती रहेगी.
नई दिल्ली – कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी अडाणी समूह से जुड़े मामले को संसद में उठाने के साथ संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करती रहेगी. खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर दबाव डालकर सच छिपाने का षड़यंत्र कर रही है और जेपीसी जांच की मांग दबाने का प्रयास कर रही है.
उन्होंने संवाददताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी जी और मेरी ओर से की गई बातों को कार्यवाही से निकाल गया. मैंने नौ लाइन की शायरी की थी उसकी सात लाइन भी काट दीं. अगर साहित्य से जुड़ी चीजों को भी संसद में नहीं रख सकते तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहा हैं.’’ खरगे का कहना था, ‘‘अपने 51 साल के विधायी कार्यकाल में देख रहा हूं कि मेरी बातों को कार्यवाही से हटा दिया गया है.’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति पर मोदी सरकार अनर्गल दबाव डालकर सच छिपाने का षडयंत्र कर रही है व जेपीसी जांच की मांग दबाने की साजिश कर रही है.’’
खरगे ने सवाल किया, ‘‘क्या अडाणी घोटाले की जांच नहीं होनी चाहिए? क्या एलआईसी का पैसा, जो अडाणी की कंपनियों में लगा है, उसकी गिरती कीमतों पर सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? स्टेट बैंक व दूसरे बैंकों द्वारा अडाणी को दिए गए 82,000 करोड़ रुपये कर्ज के बारे में सवाल नहीं पूछा जाना चाहिए? क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि अडाणी के शेयरों में 32 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के बावजूद एलआईसी व स्टेट बैंक का रुपया अडाणी एफपीओ में क्यों लगवाया गया?’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि ‘टैक्स हैवेन’ से अडाणी की कंपनियों में आने वाला हजारों करोड़ रुपया किसका है? क्या मोदी जी ने अडाणी के एजेंट के तौर पर श्रीलंका और बांग्लादेश में ठेके दिलवाए? किस-किस और मुल्क में जाकर प्रधानमंत्री ने अडाणी की मदद की ?’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने पूछा, ‘‘क्या यह सच है कि फ्रांस की “टोटल गैस” ने अडाणी की कंपनी में होने वाले 50 अरब डॉलर के निवेश को जांच पूरी होने तक रोक दिया है ? क्या दुनिया के सबसे बड़े शेयर निवेशक, ‘नार्वे सावरन फंड’ ने 20 करोड़ डॉलर के अडाणी के सारे शेयर बेच दिए हैं ?’’
उन्होंने यह सवाल भी किया, ‘‘क्या एमएससीआई ने अडाणी की कंपनियों की रैंकिंग गिरा दी है ? क्या स्टैंटर्ड चार्टर्ड, सिटी ग्रुप, क्रेडिट सुइस ने अडाणी के डॉलर बॉन्ड्स पर लोन देना बंद कर दिया है ? क्या डाऊ जोंस ने अडाणी की कंपनी को “सस्टेनबिलिटी इंडैक्स’’ से हटा दिया है ?’’
खरगे ने कहा, ‘‘क्या कारण है कि मोदी जी और पूरी सरकार संसद में अडानी शब्द भी नहीं बोलने देती ? क्या कारण है कि रिजर्व बैंक, सेबी, ईडी, एसएफआईओ, कारपोरेट कार्य मंत्रालय, आयकर विभाग और सीबीआई सबको लकवा मार गया है और वो अडाणी की जांच के नाम पर आंखें मूंदे बैठे हैं ?’’