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छेरछेरा और पुन्नी मेला – दूधाधारी मठ पहुंचे सीएम भूपेश बघेल : दान देने उमड़ा लोगों का हुजूम

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रायपुर – छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को छेरछेरा का पर्व धूमधाम से मनाया जा  रहा है। सभी जिलों में इस त्योहार को लेकर लोगों में भारी उमंग और उत्साह देखा जा रहा है। बच्चे-बच्चियों, युवतियों और महिलाओं की टोली घर-घर घूमकर छेरछेरा को लेकर दान मांग रही हैं। इसी क्रम में सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को छेरछेरा और माघी पुन्नी की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामानएं दी हैं।सीएम ने की दूधाधारी मठ में  पूजा-अर्चना 
सीएम ने दूधाधारी मठ पहुंचकर भगवान बालाजी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। इस दौरान लोगों ने मुख्यमंत्री को धान से तौला। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश मठपारा की सड़कों पर दान लेने के लिए निकले। लोग घरों से निकलकर उन्हें दान देने की रश्म निभाई और प्रदेश के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

बालाजी की कृपा से इस बार पैदावार अच्छी हई है: सीएम भूपेश

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी तीज त्योहारों पर छुट्टी दे रही हैं। मुख्यमंत्री निवास में सभी त्योहारों को मनाते हैं। किसान सभी के लिए भोजन की व्यवस्था करते हैं। छेरछेरा में दान की राशि जनकल्याण में खर्च की जाती है। अन्नदाता समेत सभी वर्ग अनाज को दान करता है। दान देना उदारता और दान लेना अहंकार को नष्ट करने का प्रतीक है। भगवान बालाजी की कृपा से इस बार बहुत अच्छी पैदावार हुई है उन्होंने कहा कि 85 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई, लेकिन एक भी किसान की शिकायत नहीं आई है। सभी को तत्काल भुगतान किया गया है।

जांजगीर-चांपा जिले में मना छेरछेरा पर्व
जांजगीर-चांपा जिले में लोक परंपरा के अनुसार पौष महीने की पूर्णिमा को प्रतिवर्ष छेरछेरा का त्योहार मनाया गया। इस दिन सुबह से ही बच्चे, युवक और युवतियां हाथ में टोकरी, बोरी आदि लेकर घर-घर छेरछेरा मांगने पहुंच रहे हैं। वहीं युवकों की टोलियां डंडा नृत्य कर घर-घर पहुंच रहे हैं। धान मिंसाई हो जाने के चलते गांव में घर-घर धान का भंडार होता है, जिसके चलते लोग छेर छेरा मांगने वालों को दान करते हैं। इन्हें हर घर से धान, चावल व नकद राशि मिलती है। वही युवक भी जगह जगह डंडा नृत्य करते हुई गांव में घूमते हैं और आसपास के गांवों में नृत्य करने जाते हैं।

घरों में बने कई पकवान
इस दिन सभी घरों में आलू चाप, भजिया और अन्य व्यंजन बनाया गया। इसके अलावा छेरछेरा के दिन कई लोग खीर और खिचड़ी का भंडारा रखते हैं, जिसमें हजारों लोग प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस दिन अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है। जो भी बच्चों को अन्न का दान करते हैं, वह मृत्यु लोक के सारे बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं। इस दौरान मुर्रा, लाई और तिल के लड्डू समेत कई तरह के मिठाइयां बनाई जाती हैं।auसे