रायपुर – छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र का पहला दिन आरक्षण संशोधन विधेयक के हंगामे की भेंट चढ़ गया। आरक्षण के मामले को लेकर विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर शोर-शराबा हुआ। इसके बाद अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने विधानसभा की कार्यवाही 3 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्य गर्भगृह में पहुंच गए और निलंबित हो गए। फिर गांधी प्रतिमा के पास धरना दिया।
दरअसल, सोमवार से शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आगाज ही हंगामेदार हुआ। आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने और कानूनी रूप नहीं लेने के मसले पर सदन में भारी हंगामा हुआ। हालात इतने बिगड़ गए कि सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। वहीं दूसरी ओर प्रश्नकाल में विपक्ष ने जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने इसमें 100 करोड़ रुपये घपले का आरोप लगाया है। विपक्ष ने मांगी क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट
सदन की कार्यवाही शुरू होने बाद शून्यकाल में आरक्षण संशोधन विधेयक पर विपक्ष स्थगन प्रस्ताव लाना चाह रहा था। सत्ता पक्ष के विधायकों ने भाजपा के स्टैंड की आलोचना की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक लागू नहीं होने की वजह से युवाओं की भर्तियां अटक गई हैं। दूसरी ओर भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमें व्यवस्था का प्रश्न भी नहीं उठाने दिया जा रहा है। क्वांटिफाइबल डाटा आयोग की रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाए।
प्रश्नकाल में विपक्ष ने उठाया जल जीवन मिशन के टेंडर का मामला
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो प्रश्नकाल में विपक्ष के विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने पूछा कि बिलासपुर में 15 जुलाई 2022 से 7 दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत कितने टेंडर निकले और कितने के लिए रिटेंडर या संशोधित किया गया? ऑनलाइन-ऑफलाइन रिटेंडर के लिए क्या समय सीमा निर्धारित तौर पर अगर विभाग द्वारा नियमों के विरुद्ध टेंडर किए गए तो उस पर क्या क्या कार्यवाही हुई? इन टेंडरों के सम्बन्ध में जिला प्रशासन को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उन पर क्या कार्यवाही की गई ?
201 टेंडर निकाले गए, तीन शिकायतें मिलीं
जवाब में पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बताया कि बिलासपुर जिले में 15 जुलाई 2022 से 7 दिसंबर तक जल जीवन मिशन के तहत 201 टेंडर निकाले गए। इनमें से 80 टेंडर- रिटेंडर और 15 टेंडरों के समय- सीमा में संशोधन किया गया। संशोधित व रिटेंडर के लिए निर्धारित समय सीमा, निविदाकार की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र अनुसार है। उन्होंने कहा कि कोई भी निविदा ऑफ-लाइन रिटेंडर नहीं की गई है। टेंडरों के संबंध में जिला प्रशासन को 3 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनका निराकरण किया गया।
सत्ता पक्ष के जवाब से असंतुष्ट विधायकों का वॉक आउट
इस पर विपक्ष से विधायक डॉ. बांधी ने कहा कि टेंडर रद्द होने के बाद नए टेंडर को अधिक दर पर खोला गया, इससे शासन को हानि हुई। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। 200 टेंडर में से 80 टेंडर रद्द करने पड़े। इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से जब नया एसओआर आया तब 15 जुलाई को टेंडर रद्द क्यों किया गया? नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जल जीवन मिशन में सौ करोड़ से ज्यादा की लूट हुई है। तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों में ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। सितंबर 2023 तक इस मिशन का काम ख़त्म करना है। इस पर सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा विधायक वॉक आउट कर गए।अमर उजाला से साभार