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श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर सड़कों पर उतरा जैन समाज, गुजरात के मंदिर में तोड़फोड़ से उबाल

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झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ हिल, जिसे ‘सम्मेद शिखर’ के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड सरकार ने पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है. झारखंड सरकार के इसी फैसले पर जैन समुदाय अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

झारखंड सरकार ने पिछले दिनों ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया. इस फैसले के विरोध में जैन समुदाय के लोग सड़क पर उतर आए हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के अन्य हिस्सों में इस झारखंड सरकार के इस फैसले का विरोध किया जा रहा है. रविवार को जैन समुदाय के सदस्यों ने दिल्ली के इंडिया गेट पर हाथ में तख्ती और बैनर लेकर जमकर विरोध प्रदर्शन किए. वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जैन समुदाय के लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.

मुंबई में जैन समुदाय के लोगों ने झारखंड सरकार द्वारा ‘श्री सम्मेद शिखरजी’ को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के फैसले और गुजरात के पलिताना में मंदिर में तोड़फोड़ के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया. सैंकड़ों की संख्या में जैन समुदाय के लोगों इस प्रदर्शन में शामिल हुए. इस दौरान वो अपने हाथ तख्ती और झंडे लेकर पैदल मार्च भी निकाला.

देशभर में लाखों जैन समुदाय के लोगों ने किया प्रदर्शन

प्रदर्शन में शामिल महाराष्ट्र के मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने कहा कि हम पलिताना में मंदिर की तोड़फोड़ और झारखंड सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं. गुजरात सरकार ने कार्रवाई की है लेकिन हम उनपर (जिन्होंने मंदिर में तोड़फोड़ की) सख्त कार्रवाई चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आज देशभर में 5 लाख से ज्यादा लोग सड़कों पर हैं.छवि

नासिक में हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन

वहीं, दूसरी ओर महाराष्ट्र के नासिक शहर में जैन समुदाय ने शनिवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. पिछले 10 दिनों में दूसरी बार यह विरोध प्रदर्शन किया गया. झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ हिल, जिसे ‘सम्मेद शिखर’ के नाम से भी जाना जाता है. झारखंड सरकार ने पर्यटक स्थल घोषित कर दिया है. झारखंड सरकार के इसी फैसले पर जैन समुदाय अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.

दिगंबर जैन ग्लोबल महासभा के यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पारस लोहड़ा ने कहा कि समुदाय के 9 लोगों ने अन्य सदस्यों की उपस्थिति में शहर के अशोक स्तंभ क्षेत्र में विरोध के निशान के रूप में अपना सिर मुंडवा है. इस तरह के आंदोलन हमारे समुदाय के सदस्यों द्वारा देशभर के कई शहरों में आयोजित किए गए हैं. जब तक झारखंड सरकार इस मुद्दे पर अपना फैसला वापस नहीं लेती, तब तक हम शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रखेंगे.छवि

इसके पहले 21 दिसंबर,2022 को जैन समुदाय के व्यापारियों और कारोबारियों ने विरोध स्वरूप अपनी दुकानें दोपहर 2 बजे तक बंद रखीं थीं. समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने नासिक जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा था.