Home देश भारत में शुरुआती महीने में ही तबाही मचाएगी कोरोना की लहर..!

भारत में शुरुआती महीने में ही तबाही मचाएगी कोरोना की लहर..!

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नई दिल्ली  – चीन में कोरोना वायरस की नई लहर से मचे हाहाकार के बाद अब भारत के लिए भी चिंता की खबर आई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, जनवरी का महीना भारत के लिए काफी मुश्किल हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस महीने कोरोना के नए मामलों में बंपर बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है, वहीं अगले 40 दिन भारत के लिए काफी गंभीर हो सकते हैं।

एक समय पर 16 लोगों हो सकते हैं संक्रमित

भारत में एक बार फिर कोरोना मामलों में इजाफे का दावा पिछले ट्रेंड्स को देखते हुए किया जा रहा है। दरअसल, पहले भी ऐसा देखा गया है कि ईस्ट एशिया को प्रभावित करने के 30 से 35 दिनों बाद ही भारत में कोविड-19 की नई लहर पहुंची थी। इसलिए यह एक ट्रेंड बन गया है, जिसके आधार पर ही यह दावा किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया कि चीन में आई कोविड लहर का कारण ओमिक्रॉन का सब वैरिएंट बीएफ.7 है। यह सब वैरिएंट काफी तेजी के साथ संक्रमण फैलाता है और एक समय पर 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।

हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बार कोरोना का संक्रमण लोगों के लिए ज्यादा गंभीर नहीं है। ऐसे में अगर कोई लहर आती भी है तो मरीजों की मौतें और उनके अस्पताल में एडमिट होने की संख्या काफी कम रहेगी, वहीं कोरोना के नए वैरिएंट BF.7 पर दवाई और वैक्सीन कितनी असरदार है, स्वास्थ्य मंत्रालय इसको लेकर स्टडी कर रहा है। पिछले दो से तीन दिनों मे 6 हजार अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच की जा चुकी है, जिनमें 39 अंतराष्ट्रीय यात्री कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया गुरुवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे और जानकारी लेंगे।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में बुधवार को कोरोना के 188 नए मामले देखने को मिले, जिसके बाद कुल कोरोना मामलों की एक्टिव संख्या बढ़कर 3 हजार 468 पहुंच गई है। वर्तमान समय में भारत में डेली पॉजिटिविटी रेट 0.14 फीसदी, जबकि साप्ताहिक 0.18 फीसदी है। बात करें चीन की तो, यहां कोरोना वायरस का नया वैरिएंट काफी गंभीर रूप ले चुका है। रिपोर्ट्स की मानें तो चीन में काफी संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। प्रतिदिन का आंकड़ा लाखों में जा रहा है। अस्पताल पूरी तरह भरे हुए हैं, मरीजों को जगह तक नहीं मिल रही हैं। चीन में दवाइयों की भी भारी कमी बताई जा रही है।